रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को एक बड़ा दावा करते हुए कहा कि रूसी सेनाओं ने 2025 के दौरान यूक्रेन की लगभग 5,000 वर्ग किलोमीटर (1,930 वर्ग मील) जमीन पर कब्जा कर लिया है। पुतिन ने यह बयान अपने 73वें जन्मदिन के अवसर पर रूस के शीर्ष सैन्य कमांडरों के साथ एक बैठक को संबोधित करते हुए दिया। यह दावा ऐसे समय में आया है जब दोनों देशों के बीच युद्धग्रस्त क्षेत्रों में भीषण लड़ाई जारी है।
रूसी सेना की प्रगति का दावा
रूसी सरकारी समाचार एजेंसी ‘तास’ (TASS) और ‘अरब न्यूज़’ की रिपोर्ट के अनुसार, रूसी रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को बयान जारी कर कई क्षेत्रों पर नियंत्रण स्थापित करने का दावा किया। मंत्रालय ने कहा कि ‘युद्ध समूह दक्षिण की इकाइयों ने डोनेट्स्क में फ्योदोरोव्का (Fyodorovka) बस्ती को और युद्ध समूह पूर्व की इकाइयों ने जापोरोजे क्षेत्र में नोवोवासिलेवस्कॉय (Novovasilyevskoye) गांव को 'आज़ाद' कराया है।’ मंत्रालय ने यह भी दावा किया कि इस अभियान के दौरान यूक्रेनी सेना को भारी जनहानि हुई और उनके कई रणनीतिक ठिकानों को नष्ट कर दिया गया।
रूसी सेना के जनरल स्टाफ प्रमुख जनरल वालेरी गेरासिमोव ने भी कमांडरों की बैठक में कहा कि रूसी सेनाएं “सभी दिशाओं में आगे बढ़ रही हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि यूक्रेनी सेना का ध्यान अब केवल रूसी प्रगति को धीमा करने पर केंद्रित है। गेरासिमोव के अनुसार, सबसे बड़ी लड़ाई अभी भी पोक्रोवस्क और द्निप्रोपेत्रोव्स्क की ओर के इलाकों में जारी है।
यूक्रेन का जवाबीदावा
जहां एक ओर रूस बड़े क्षेत्रीय लाभ का दावा कर रहा है, वहीं यूक्रेनी सेना भी सीमावर्ती क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत करने और कुछ जगहों पर बढ़त हासिल करने का दावा कर रही है।
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यूक्रेनी रिपोर्टों के अनुसार, कीव के सैनिकों ने डोनेट्स्क क्षेत्र में, विशेष रूप से पोक्रोवस्क के प्रमुख रसद केंद्र के पास स्थित डोब्रोपिलिया शहर के आसपास बढ़त हासिल की है।
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यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा है कि यूक्रेनी सेना ने सीमावर्ती सूमी क्षेत्र में अपनी पकड़ फिर से मजबूत कर ली है, जहां रूस ने पहले अपनी स्थिति मजबूत की थी।
यह युद्ध दोनों पक्षों के क्षेत्रीय लाभ और हानि के दावों के साथ एक महत्वपूर्ण और गतिशील चरण में बना हुआ है, जिसमें सैन्य कमांडरों की टिप्पणियां युद्ध की स्थिति पर एक पक्षीय दृष्टिकोण प्रस्तुत कर रही हैं। यह देखना बाकी है कि आने वाले दिनों में जमीन पर स्थिति किस दिशा में करवट लेती है।