ऑपरेशन सिंदूर के बाद से ही पाकिस्तान और अमेरिका के बीच बढ़ती करीबी एक बार फिर सामने आई है। एक बड़ी खबर के अनुसार, पाकिस्तान को अमेरिका से ‘AIM-120 उन्नत मध्यम दूरी’ (Advanced Medium-Range) की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें मिलने की संभावना है। अमेरिका ने पाकिस्तान वायु सेना (PAF) को इन ताकतवर मिसाइलों की बिक्री को मंजूरी दे दी है।
अमेरिका ने दी मिसाइलों की बिक्री को मंजूरी
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के हवाले से, अमेरिका के युद्ध मंत्रालय (DoW) द्वारा हाल ही में जारी किए गए हथियारों के एग्रीमेंट नोटिफिकेशन में AIM-120 AMRAAM मिसाइलों के खरीदारों की सूची में पाकिस्तान का नाम भी शामिल है। यह मिसाइल बिक्री पाकिस्तान के F-16 फाइटर जेट बेड़े की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
AIM-120 मिसाइलें प्राप्त करने वाले देशों में ब्रिटेन, पोलैंड, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, कतर, ओमान, कोरिया, जापान, सऊदी अरब, कुवैत और तुर्की सहित कुल 34 देश शामिल हैं। इस बड़े अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर पर काम मई 2030 के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि पाकिस्तान को इस खेप में कितनी नई AMRAAM मिसाइलें दी जाएंगी, लेकिन यह खबर पाकिस्तानी वायुसेना के F-16 बेड़े के एडवांस्ड होने की चर्चा को हवा दे रही है।
क्यों खास हैं AIM-120D-3 मिसाइलें?
AIM-120D-3 मिसाइलें AMRAAM परिवार का नवीनतम और सबसे उन्नत संस्करण हैं। इन मिसाइलों को दुश्मन के विमानों और आने वाली मिसाइलों के खिलाफ दृश्य-सीमा से परे जाकर (Beyond Visual Range - BVR) हमला करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
रक्षा विश्लेषकों का मानना है कि यह मिसाइल पाकिस्तान के मौजूदा F-16 बेड़े की ऑपरेशनल सीमा और सटीकता को और मजबूत करेगी। इससे पीएएफ हवाई खतरों का बेहतर ढंग से जवाब देने में सक्षम होगी।
मिसाइल की प्रमुख विशेषताएं:
विशेषता |
विवरण |
रेंज |
160 से 180 किलोमीटर तक (लॉन्च प्लेटफॉर्म पर निर्भर करता है) |
स्पीड |
मैक 4 (आवाज़ की गति से लगभग चार गुना तेज़) |
गाइडेंस |
एक्टिव रडार होमिंग सिस्टम, जो सटीक लक्ष्य साधने में मदद करता है |
क्षमता |
एक साथ कई हवाई लक्ष्यों को निशाना बना सकती है |
यह मिसाइल F-15, F-16, FA-18 और F-35 जैसे प्रमुख लड़ाकू विमानों में उपयोग की जाती है। इसका उपयोग NASAMS (National Advanced Surface-to-Air Missile System) जैसे जमीनी एयर डिफेंस सिस्टम में भी किया जाता है, जिसका इस्तेमाल अमेरिका और अन्य कई नाटो (NATO) देश करते हैं।
इस सौदे से स्पष्ट होता है कि अमेरिका और पाकिस्तान के रक्षा संबंध मजबूत हो रहे हैं, जिसका सीधा असर क्षेत्र की रणनीतिक स्थिति पर पड़ सकता है।