1 सितंबर 2025, चीन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट का केंद्र इस बार सिर्फ बहुपक्षीय मुद्दे नहीं, बल्कि भारत, रूस और अमेरिका के बीच बदलते रिश्ते भी रहे। इस समिट में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन पहुंचे, जहां उनकी मुलाकात चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से हुई।
समिट के पहले दिन से ही जिस पल ने सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरीं, वह थी पीएम मोदी और पुतिन की केमिस्ट्री। दोनों नेताओं के बीच हुई मुलाकात केवल औपचारिक नहीं थी, बल्कि उसमें आपसी भरोसा, सामरिक साझेदारी और निजी आत्मीयता भी साफ झलक रही थी।
🇮🇳🇷🇺 मोदी-पुतिन की मुलाकात: साझेदारी की नई दिशा
SCO समिट के दौरान पीएम मोदी और पुतिन न केवल कई बार साथ नजर आए, बल्कि उनकी बातचीत और फोटो सेशन में भी आपसी आत्मीयता देखी गई। एक खास तस्वीर में दोनों नेता एक ही कार में बैठकर द्विपक्षीय वार्ता के स्थान तक जाते नजर आए। यह इशारा करता है कि भारत और रूस के संबंध केवल कूटनीतिक नहीं, बल्कि व्यक्तिगत स्तर पर भी मजबूत हो चुके हैं।
इस मुलाकात के बाद भारत और रूस ने तेल व्यापार, रक्षा सहयोग, और तकनीकी क्षेत्र में साझेदारी को और मजबूत करने पर सहमति जताई।
ट्रंप की नाराज़गी और अमेरिका की रणनीति
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप SCO समिट में तो पहुंचे, लेकिन उनका एजेंडा कुछ अलग था। ट्रंप लगातार भारत पर दबाव बना रहे हैं कि वह रूस से तेल का आयात बंद कर दे ताकि रूस की अर्थव्यवस्था पर चोट की जा सके और यूक्रेन युद्ध पर असर पड़े।
लेकिन भारत ने अमेरिका की इस मांग को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया। भारत ने साफ किया है कि वह अपनी ऊर्जा जरूरतों और राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देगा। भारत के इस रुख से अमेरिका नाराज है, और उसने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है।
ट्रंप की यह रणनीति उलटी पड़ गई जब SCO समिट में मोदी और पुतिन के बीच गर्मजोशी भरे संबंध सार्वजनिक रूप से दिखे। इन तस्वीरों ने ट्रंप की परेशानी और बढ़ा दी है।
तीनों नेता साथ में—मोदी, पुतिन और ट्रंप
SCO समिट में एक पल ऐसा भी आया जब मोदी, पुतिन और ट्रंप तीनों एक साथ हंसी-मजाक करते नजर आए। यह दृश्य भले ही सामरिक दृष्टि से तटस्थ लगे, लेकिन इसके कूटनीतिक मायने काफी गहरे हैं। भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी एक खेमे में शामिल नहीं, बल्कि बैलेंस्ड फॉरेन पॉलिसी के जरिए अपने हित साधेगा।
ट्रंप को कोर्ट से झटका
इसी बीच अमेरिका में ट्रंप की टैरिफ नीति को लेकर एक और बड़ी खबर आई। अमेरिकी कोर्ट ने ट्रंप के टैरिफ फैसले को असंवैधानिक करार दे दिया है। ट्रंप ने प्रतिक्रिया में कहा कि “बिना टैरिफ के अमेरिका की सैन्य शक्ति खत्म हो जाएगी” और अपनी नीति का बचाव किया।
निष्कर्ष: भारत की मजबूती, दुनिया की निगाहें
SCO समिट 2025 में भारत की भूमिका स्पष्ट रूप से एक सशक्त, स्वतंत्र और संतुलित शक्ति के रूप में उभरी है। जहां एक ओर अमेरिका भारत को अपने पक्ष में खींचना चाहता है, वहीं भारत ने स्पष्ट संदेश दिया है कि वह अपने राष्ट्रीय हितों से कोई समझौता नहीं करेगा।
मोदी और पुतिन की दोस्ती, और ट्रंप की चिंता आज के वैश्विक समीकरणों की असली तस्वीर बयां करती है – भारत अब केवल एक भागीदार नहीं, बल्कि निर्णय निर्माता बन चुका है।