भारत और चीन के बीच पिछले पांच वर्षों से जारी तनाव अब धीरे-धीरे कम होता दिखाई दे रहा है। 2020 के बाद से दोनों देशों के रिश्तों में आई कड़वाहट अब सकारात्मक दिशा में बढ़ते संवाद के कारण कम हो रही है। हाल ही में चीनी नागरिकों के लिए पर्यटन वीजा बहाल किए जाने के बाद अब भारत में स्थित चीनी दूतावास ने एक और बड़ा कदम उठाया है। सोमवार को चीनी राजदूत शू फेईहोंग ने घोषणा की कि दिसंबर माह में भारत में चीनी वीजा के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू की जा रही है। यह कदम दोनों देशों के बीच यात्रा, व्यापार और सांस्कृतिक संपर्क को बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
22 दिसंबर से लागू होगी ऑनलाइन वीज़ा प्रक्रिया
चीनी राजदूत शू फेईहोंग ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि 22 दिसंबर को ऑनलाइन वीज़ा एप्लिकेशन सिस्टम को आधिकारिक रूप से लॉन्च कर दिया जाएगा। इसके बाद चीन जाने के इच्छुक भारतीय नागरिकों और भारत में रह रहे विदेशी आवेदकों को अब वीजा आवेदन प्रक्रिया के लिए दूतावास में लंबी कतारों में खड़े होने की आवश्यकता नहीं होगी। आवेदकों को निर्धारित पोर्टल पर ऑनलाइन फॉर्म भरकर आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने होंगे और निर्धारित सत्यापन के बाद उन्हें आगे की प्रक्रिया के लिए सूचित किया जाएगा।
चीनी दूतावास की ओर से दिल्ली स्थित वीजा सर्विस सेंटर का पता और संपर्क जानकारी भी सार्वजनिक की गई है। यह केंद्र सोमवार से शुक्रवार सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक कार्य करेगा। वीजा सर्विस सेंटर नई दिल्ली के बाबा खड़क सिंह मार्ग स्थित शिवाजी स्टेडियम मेट्रो स्टेशन के कॉनकोर्स फ्लोर पर संचालित होगा। संपर्क नंबर भी जारी किया गया है, ताकि आवेदक प्रक्रिया से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकें।
2020 में क्यों रुके थे वीज़ा?
दोनों देशों के बीच तनाव का सबसे बड़ा कारण जून 2020 में गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प थी। इस घटना ने दोनों देशों के राजनीतिक और आर्थिक संबंधों पर सीधा असर डाला। नतीजतन, भारत ने चीनी नागरिकों के लिए टूरिस्ट वीजा पर रोक लगा दी, वहीं व्यापारिक संबंधों में भी सतर्कता बढ़ाई गई। इसके बाद कई चरणों में सैन्य और राजनयिक वार्ताएं आयोजित की गईं। सीमा मुद्दों पर कमांडर स्तर की मुलाकातों के साथ-साथ कूटनीतिक चैनलों के माध्यम से तनाव कम करने की कोशिशें लगातार जारी रहीं। इन प्रयासों के सकारात्मक परिणाम अब सामने आने लगे हैं।
नवंबर 2025 से फिर शुरू हुआ वीज़ा जारी करना
विदेश मंत्रालय के अनुसार नवंबर 2025 से चीनी नागरिकों के लिए टूरिस्ट वीजा आधिकारिक रूप से फिर से शुरू कर दिए गए। इससे पहले केवल व्यावसायिक गतिविधियों के लिए वीजा जारी हो रहे थे। नवंबर के बाद से अब चीन आने-जाने के लिए सभी श्रेणी के वीजा उपलब्ध हैं। भारत की ओर से यह कदम आर्थिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक संतुलन की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसी के साथ अक्टूबर 2025 में दोनों देशों के बीच सीधी कमर्शियल उड़ानों का संचालन भी पुनः शुरू किया गया था। कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रा को दोबारा अनुमति देना भी रिश्तों में पिघलती बर्फ का संकेत माना जा रहा है।
रिश्तों में नई राह की शुरुआत
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम केवल वीजा प्रक्रिया की बहाली नहीं, बल्कि राजनयिक दूरी कम होने का संकेत है। व्यापार, निवेश, पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान में बढ़ोतरी से दोनों देशों के बीच संवाद और आपसी विश्वास पुनः स्थापित होगा। भारत और चीन, एशिया की दो सबसे बड़ी शक्तियाँ, यदि आपसी मतभेदों को पीछे छोड़कर सहयोग का रास्ता अपनाती हैं, तो यह न केवल दोनों देशों बल्कि वैश्विक आर्थिक और सामरिक परिदृश्य के लिए भी महत्वपूर्ण होगा। अभी यह शुरुआती चरण है, लेकिन दोनों देशों द्वारा उठाए जा रहे कदम आने वाले समय में स्थिर और बेहतर संबंधों की ओर इशारा करते हैं।