मुंबई, 09 फरवरी, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को आर्मी चीफ आसिफ मुनीर को एक खुली चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में इमरान ने सेना पर असंवैधानिक गतिविधियों और राजनीतिक दखलअंदाजी का आरोप लगाते हुए आलोचना की है। इमरान खान ने लिखा, पाकिस्तान की स्थिरता और सुरक्षा के लिए यह जरूरी है कि सेना और जनता के बीच की खाई को पाटा जाए। इसके लिए, सेना को संविधान के दायरे में लौटना चाहिए, राजनीति से अलग होना चाहिए और अपनी जिम्मेदारियों को निभाना चाहिए। चिट्ठी को एक्स पर पोस्ट करते हुए इमरान ने आरोप लगाया कि उन्हें जेल में अमानवीय व्यवहार का सामना करना पड़ रहा है। इमरान ने कहा कि उन्हें 20 दिनों तक फांसी वाली कोठरी में रखा गया था, जहां रोशनी भी नहीं आती है और न बिजली की सुविधा दी गई।
वहीं, इमरान खान ने चिट्ठी में लिखा, इंटेलिजेंस एजेंसियों ने चुनावों में धांधली की और पहले से निर्धारित नतीजों की घोषणा की गई। सरकार ने संविधान में 26वां संशोधन जबरदस्ती पास कराया, जिससे न्यायपालिका पर नियंत्रण कर मनचाहे जजों की नियुक्ति की जा सके। PECA (Prevention of Electronic Crimes Act) जैसे कठोर कानूनों में संशोधन कर असहमति की आवाज को दबाने की कोशिश की गई। राजनीतिक अस्थिरता और "सत्ता ही सर्वोपरि" की नीति ने देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद किया। पाकिस्तान की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी (PTI) को निशाना बनाया और राजनीतिक बदले के लिए सभी राज्य संस्थानों का इस्तेमाल किया गया। अगर इन बिंदुओं पर एक जनमत संग्रह हो, तो 90% पाकिस्तानियों का समर्थन मुझे मिलेगा।