मुंबई, 09 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। इंडियन एयरफोर्स की 93वीं वर्षगांठ के अवसर पर मनाए गए एयरफोर्स-डे सेलिब्रेशन का डिनर मेन्यू सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। इस मेन्यू में परोसी गई व्यंजनों के नाम पाकिस्तान के उन्हीं शहरों और ठिकानों के नाम पर रखे गए थे जिन्हें इस साल 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान निशाना बनाया गया था। मेन्यू में रावलपिंडी चिकन टिक्का मसाला, रफीकी रहरा मटन, भोलारी पनीर मेथी मलाई, सुक्कुर शाम सवेरा कोफ्ता, सरगोधा दाल मखनी, जकोबाबाद मेवा पुलाव और बहावलपुर नान जैसे आइटम शामिल थे; मिठाइयों में बालाकोट तिरामिसु, मुजफ्फराबाद कुल्फी फालूदा और मुरीदके मीठा पान भी दिखे।
इंडियन वायुसेना ने इसी साल 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान और पाकिस्तान-कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में कई आतंकवादी ठिकानों और एयरबेस को निशाना बनाया था। उन हमलों में मुरीदके और बहावलपुर में कथित आतंकी हेडक्वार्टर तथा सरगोधा, रहीम यार खान, नूर खान (चकलाला), सुक्कुर, भोलारी और जैकोबाबाद जैसे एयरबेस भी शामिल बताए गए थे; वायुसेना ने इन लक्ष्यों के पहले और बाद की सैटेलाइट तस्वीरें भी साझा की थीं।
डिनर मेन्यू को लेकर सोशल मीडिया पर न सिर्फ चर्चा हुई बल्कि राज्य और केंद्र सरकार के कुछ नेताओं ने भी इसे साझा करते हुए टिप्पणी की। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने मेन्यू शेयर करते हुए कहा कि अब वायुसेना का मेन्यू भी 'न्यू नॉर्मल' का संदेश देता है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी मेन्यू की तस्वीर साझा करते हुए इसे कार्रवाई और परिणाम दोनों का प्रतीक बताया और लिखा कि अब वह दौर नहीं रहा जब बड़ी घटनाओं पर कार्रवाई नहीं होती थी।
वायरल मेन्यू ने इंटरनेट पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं चाहिए तो प्रशंसा, चाहिए तो तीखी बहस, दोनों ही जगा दीं। कुछ यूजर इसे वायुसेना की ह्यूमर और जज्बे का प्रतीक मान रहे हैं, तो कुछ इस तरह की प्रस्तुति को संवेदनशील और द्विपक्षीय तनाव के संदर्भ में विवादास्पद भी बता रहे हैं। घटना ने एक बार फिर सुरक्षा और सैद्धान्तिक संदेश देने के तरीकों पर सार्वजनिक बहस को उभार दिया है, जहां एक ओर सेना की उपलब्धियों और मनोबल को रेखांकित करने के प्रयास माने जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ लोग इस तरह की रूपकात्मक अभिव्यक्ति की नीतिगत और कूटनीतिक निहितार्थ पर प्रश्न उठा रहे हैं।