मुंबई, 26 नवंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्शन में बैलेट पेपर वोटिंग सिस्टम को दोबारा शुरू करने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस पीबी वराले की बेंच ने याचिकाकर्ता से कहा, EVM से पार्टियों को दिक्कत नहीं है, आपको क्यों है। ऐसे आइडिया कहां से लाते हो। इस पर याचिकाकर्ता केए पॉल ने कहा, चंद्रबाबू नायडू और वाईएस जगन मोहन रेड्डी जैसे नेताओं ने भी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) से छेड़छाड़ पर सवाल उठाए हैं। बेंच ने कहा, चंद्रबाबू नायडू या जगन मोहन रेड्डी जब चुनाव हारते हैं तो कहते हैं कि EVM से छेड़छाड़ होती है और जब वे जीतते हैं तो वे कुछ नहीं कहते हैं। हम इसे कैसे देख सकते हैं। हम इसे खारिज कर रहे हैं। ये वो जगह नहीं है जहां आप इस सब पर बहस करें। आप इस राजनीतिक क्षेत्र में क्यों आ रहे हैं? आपका कार्य क्षेत्र बहुत अलग है। बता दें कि पॉल ऐसे संगठन के अध्यक्ष हैं, जिसने 3 लाख से अधिक अनाथों और 40 लाख विधवाओं का रेस्क्यू किया है।
तो वहीँ, याचिकाकर्ता केए पॉल ने इलॉन मस्क की टिप्पणियों का संदर्भ दिया जिन्होंने सुझाव दिया था कि ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है। EVM लोकतंत्र के लिए खतरा हैं। उन्होंने कहा, मैंने 150 से अधिक देशों का दौरा किया है और अधिकांश ने बैलेट पेपर वोटिंग को अपनाया है। पॉल ने कहा कि मेरा मानना है कि भारत को भी यही तरीका अपनाना चाहिए। इस पर बेंच ने कहा कि आप दूसरे देशों से अलग क्यों नहीं होना चाहते हैं। याचिकाकर्ता केए पॉल ने बेंच से चुनाव आयोग को निर्देश देने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान वोटर्स को पैसा, शराब और दूसरी चीजों का लालच देने का दोषी पाए जाने पर ऐसे उम्मीदवारों को कम से कम पांच साल के लिए अयोग्य घोषित किया जाए।