अप्रैल 2025 के अंत में जब सोना 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम की ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंचा, तो ऐसा लग रहा था कि यह निवेशकों के लिए सुरक्षित स्वर्ग बना रहेगा। लेकिन मई के पहले सप्ताह में अचानक आई गिरावट ने सभी को चौंका दिया। खास बात यह रही कि भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बावजूद सोने की कीमतें बढ़ने के बजाय गिरने लगीं — जो सामान्य परिस्थितियों से बिल्कुल उलट था।
सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव
6 मई 2025 को 24 कैरेट सोना ₹96,888 प्रति 10 ग्राम पर था, जो 12 मई तक गिरकर ₹92,538 तक आ गया। 13 मई को हल्की रिकवरी देखने को मिली और दाम ₹94,344 तक पहुंचे। लेकिन इसके बाद 14 और 15 मई को फिर गिरावट आई। 16 मई को एक बार फिर कीमतों में थोड़ी तेजी देखने को मिली।
आमतौर पर तनाव या युद्ध जैसी स्थितियों में निवेशक जोखिम से बचने के लिए सोने में निवेश करते हैं, जिससे इसकी कीमतें बढ़ती हैं। लेकिन इस बार अमेरिका-चीन और रूस-यूक्रेन संबंधों में आई स्थिरता और भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर जैसे कारणों ने बाजार का मूड बदल दिया।
सोने के दाम कम होने की बड़ी वजहें
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अमेरिका-चीन टैरिफ डील – 10 मई को इन दो वैश्विक शक्तियों ने व्यापार शुल्क को लेकर समझौता किया। इससे ग्लोबल मार्केट में स्थिरता आई और निवेशक जोखिम वाली संपत्तियों की ओर लौटने लगे।
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रूस-यूक्रेन संघर्ष में विराम – रूस और यूक्रेन के बीच तनाव में कुछ ठहराव आया है। इससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा और वे सोने से पैसा निकाल कर स्टॉक्स की ओर लौटने लगे।
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भारत-पाक सीजफायर – 10 मई को भारत और पाकिस्तान ने अस्थायी युद्धविराम की घोषणा की, जिससे क्षेत्रीय तनाव घटा और सोने की मांग पर असर पड़ा।
निवेश के लिहाज से क्या है सही वक्त?
विशेषज्ञों की राय है कि यदि आप गहनों या बचत के लिए सोना खरीदना चाहते हैं, तो यह अच्छा समय है। लेकिन यदि आप निवेश के उद्देश्य से सोना लेना चाहते हैं, तो थोड़ी सतर्कता ज़रूरी है। बाजार विश्लेषकों का अनुमान है कि अगले कुछ सप्ताह में कीमतें और गिर सकती हैं।
लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए सलाह है कि वे अभी इंतजार करें, क्योंकि अगले कुछ वर्षों में सोना ₹56,000 प्रति 10 ग्राम तक गिर सकता है।
दुबई में क्यों सस्ता है सोना?
दुबई में सोना भारत से सस्ता होने के पीछे कई कारण हैं:
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वहां GST या बिक्री कर नहीं लगता, सिर्फ 5% VAT लगता है।
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मेकिंग चार्ज भारत की तुलना में कम होता है।
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दुबई सीधे अफ्रीका जैसे देशों से कच्चा सोना आयात करता है, जिससे प्रोसेसिंग सस्ती पड़ती है।
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दिरहम और रुपये की विनिमय दरें भी कीमतों को प्रभावित करती हैं।
भारत में दुबई से सोना लाने के नियम
अगर आप दुबई से भारत सोना लाना चाहते हैं, तो कस्टम नियमों को जानना जरूरी है:
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6 महीने विदेश में रहने पर 1 किलो तक सोना ड्यूटी-फ्री लाया जा सकता है।
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पुरुषों को ₹50,000 तक और महिलाओं को ₹1 लाख तक का सोना 20/40 ग्राम की सीमा में ड्यूटी-फ्री मिलता है।
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अतिरिक्त मात्रा पर 6% से लेकर 36.05% तक शुल्क लगता है।
दुबई से लाए गए 10 ग्राम सोने पर ₹4,842 का शुल्क लगता है, लेकिन इसके बाद भी यह सोना भारत से ₹5,000 तक सस्ता होता है।
भूटान: एक और सोने का सस्ता विकल्प
भूटान में भी सोना दुबई से 5-10% तक सस्ता है क्योंकि वहां कोई टैक्स नहीं लगता।
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एक बार की यात्रा में आप 20 ग्राम तक सोना ड्यूटी-फ्री खरीद सकते हैं।
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इसके लिए भूटान सरकार से मान्यता प्राप्त होटल में कम से कम एक रात रुकना जरूरी है।
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खरीद सिर्फ डॉलर में हो सकती है और SDF (Sustainable Development Fee) भी देनी होगी।
सोना कहां और सस्ता है?
भारत से सस्ता सोना इन देशों में मिलता है:
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दुबई – टैक्स फ्री और ग्लोबल ट्रेड सेंटर
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हांगकांग – कम टैक्स और सस्ती प्रोसेसिंग
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सिंगापुर – व्यापारिक प्रतिस्पर्धा
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थाईलैंड – लोकल टैक्स और कच्चे माल की उपलब्धता
लेकिन सस्ता सोना खरीदने के लिए केवल कीमत नहीं, उसकी शुद्धता, प्रमाणिकता और कानूनी प्रक्रिया का पालन भी जरूरी है।
विशेषज्ञों की भविष्यवाणी
अजय केडिया जैसे विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले सालों में सोने के दामों में 30-38% तक गिरावट हो सकती है।
मॉर्निंगस्टार एनालिस्ट का भी मानना है कि अगर फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती करता है तो सोने की कीमत और नीचे जा सकती है।
निष्कर्ष
मौजूदा स्थिति में सोने की कीमतों में गिरावट एक असामान्य लेकिन आर्थिक और भू-राजनीतिक कारणों से प्रेरित घटना है। जो लोग सेविंग या आभूषण के लिए सोना खरीदना चाहते हैं, उनके लिए यह अच्छा मौका हो सकता है। लेकिन निवेश के इच्छुक लोगों को फिलहाल थोड़ा और इंतजार करना चाहिए क्योंकि बाजार में अनिश्चितता अभी खत्म नहीं हुई है।