कानपुर न्यूज डेस्क: कानपुर देहात के बाढ़ प्रभावित गांवों के हालात जानने पहुंचे प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री संजय निषाद का दौरा विवादों में आ गया। यहां मंत्री ने बाढ़ को ‘स्वर्ग का रास्ता’ बताते हुए कहा कि “गंगा मैया अपने पुत्रों के पैर धोने आई हैं, आदमी सीधा स्वर्ग जाता है।” यह सुनकर पहले से ही अपने घर-खेत डूबने और जान-माल के संकट से जूझ रहे ग्रामीण भड़क उठे। लोगों का कहना था कि जिनके घर बर्बाद हो गए हैं, उनके लिए ऐसी बातें जले पर नमक छिड़कने जैसी हैं।
भोगनीपुर तहसील के कई गांव इन दिनों यमुना नदी के उफान के कारण जलमग्न हैं। खेत-खलिहान से लेकर घर तक पानी में समा चुके हैं, मवेशी और आजीविका पर भी संकट है। ऐसे में मंत्री संजय निषाद और भाजपा जिला अध्यक्ष रेणुका सचान यहां पहुंचे। जब ग्रामीणों ने अपनी मुश्किलें बताईं तो मंत्री जी ने गंगा का जिक्र कर ‘गंगा पुत्रों के पैर धुलने’ वाली बात कह दी, जबकि यहां बाढ़ यमुना नदी के कारण आई है।
इतना ही नहीं, भाजपा जिला अध्यक्ष रेणुका सचान ने भी एक बुजुर्ग महिला से कहा— “सौभाग्य की बात है कि आप यमुना मईया के दर्शन करती हो, बहुत सौभाग्यशाली हो।” इस पर बुजुर्ग महिला ने पलट कर जवाब दिया— “तुम भी यहीं रहने लगो, तुम भी दर्शन करो।” यह जवाब सुनकर आसपास मौजूद लोग मंत्री और नेताओं से और ज्यादा नाराज हो गए।
स्थानीय लोगों का कहना है कि नेताओं को यहां आकर हमारी मदद और राहत के इंतजाम की बात करनी चाहिए थी, न कि ऐसे धार्मिक बयान देकर हालात की गंभीरता को हल्का करने की। ग्रामीणों की पीड़ा के बीच इस बयानबाज़ी ने प्रशासन और सत्तारूढ़ दल की संवेदनशीलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।