शेयर बाजार में आज यानी 26 अप्रैल, 2025 को भी गिरावट का सिलसिला जारी रहा। बीते सत्र की तरह ही आज भी बाजार ने लाल निशान के साथ शुरुआत की और दिनभर के उतार-चढ़ाव के बाद कमजोर क्लोजिंग दी। भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के चलते निवेशकों का भरोसा डगमगाया है, जिससे बाजार में बिकवाली का दबाव देखने को मिल रहा है।
आज का बाजार: गिरावट का दौर
मार्केट खुलते ही BSE सेंसेक्स और NSE निफ्टी दोनों गिरावट के साथ खुले और जैसे-जैसे दिन बढ़ा, गिरावट और तेज होती गई। हालांकि आखिरी घंटे में कुछ रिकवरी देखने को मिली, लेकिन नुकसान की भरपाई नहीं हो सकी।
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सेंसेक्स करीब 588.90 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ।
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निफ्टी ने 207.35 अंकों का नुकसान दर्ज किया।
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यह लगातार दूसरा कारोबारी दिन है जब शेयर बाजार में गिरावट आई है।
गिरावट की वजहें
इस गिरावट के पीछे मुख्य वजह LOC (लाइन ऑफ कंट्रोल) पर बढ़ता तनाव है। भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार बिगड़ते रिश्तों ने बाजार में डर का माहौल बना दिया है। ऐसे में विदेशी और घरेलू निवेशकों ने मुनाफावसूली को तरजीह दी।
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रिलायंस, HDFC बैंक, और ITC जैसे बड़े स्टॉक्स में भारी गिरावट देखी गई।
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वहीं, TCS, टेक महिंद्रा, और इंफोसिस जैसे कुछ आईटी शेयर हल्की बढ़त में रहे।
सेक्टोरल परफॉर्मेंस
आज के कारोबार में लगभग सभी सेक्टर्स दबाव में रहे। सबसे ज्यादा गिरावट मीडिया, रियल एस्टेट और बैंकिंग सेक्टर में देखने को मिली।
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निफ्टी बैंक इंडेक्स में 1% से ज्यादा गिरावट आई।
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निफ्टी मीडिया इंडेक्स 3% से अधिक और रियल एस्टेट इंडेक्स लगभग 3% नुकसान में रहा।
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एक्सिस बैंक, SBI, PNB, और यूनियन बैंक जैसे बैंक स्टॉक्स लाल निशान पर बंद हुए।
इस गिरावट का असर निवेशकों की संपत्ति पर भी पड़ा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, आज की शुरुआती गिरावट में ही करीब 10 लाख करोड़ रुपये का बाजार पूंजीकरण डूब गया।
आगे क्या?
बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, फिलहाल मार्केट का ट्रेंड LOC पर हालात के अनुसार तय होगा। यदि तनाव और बढ़ता है, तो बाजार में और गिरावट संभव है।
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वहीं अगर शनिवार और रविवार के अवकाश के दौरान कोई सकारात्मक संकेत मिलता है, तो सोमवार को बाजार में राहत देखी जा सकती है।
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फिलहाल एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले कुछ दिनों तक बाजार में उतार-चढ़ाव बना रहेगा।
निवेशकों के लिए सलाह
बाजार की मौजूदा हालत को देखते हुए निवेशकों को संयम से काम लेने की जरूरत है।
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बड़े निवेश से बचें और "वेट एंड वॉच" की रणनीति अपनाएं।
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केवल उन्हीं शेयरों में निवेश करें, जिनके फंडामेंटल मजबूत हैं।
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बाजार में उतार-चढ़ाव के इस दौर में छोटे निवेश, SIP या डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बनाना बेहतर विकल्प हो सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि भारत की ओर से कोई बड़ी सैन्य कार्रवाई (जैसे सर्जिकल स्ट्राइक) होती है, तो बाजार में भारी गिरावट की आशंका है। इसलिए भावनाओं में बहकर जल्दबाजी में कोई बड़ा निर्णय न लें।
निष्कर्ष:
शेयर बाजार में गिरावट अस्थायी हो सकती है, लेकिन वर्तमान भू-राजनीतिक हालात के चलते सतर्कता जरूरी है। ऐसे समय में निवेशकों को धैर्य रखते हुए बाजार पर नजर बनाए रखनी चाहिए और किसी भी निवेश से पहले अच्छी रिसर्च जरूरी है।