कानपुर न्यूज डेस्क: कानपुर के एक गांव में इन दिनों एक खौफनाक और अजीबोगरीब कहानी चर्चा का विषय बनी हुई है। यहां के लोग किसी जानवर या चोर से नहीं, बल्कि एक इंसान से डर रहे हैं — जिसे गांव वाले ‘नाककटवा’ कहकर बुलाने लगे हैं। गांव वालों का कहना है कि झगड़ा या विवाद होते ही यह शख्स सामने वाले पर टूट पड़ता है और उसकी नाक या उंगली दांतों से काट लेता है। दो साल में आधा दर्जन से ज्यादा लोग इसका शिकार बन चुके हैं, जिससे गांव में दहशत फैल गई है।
गांव में रहने वाले लोगों ने बताया कि इस व्यक्ति का नाम अलवर है। कहा जा रहा है कि अगर उससे किसी की जरा सी भी बहस हो जाए, तो वह बिना कुछ सोचे-समझे सामने वाले की नाक काट लेता है। पीड़ित दिवारी लाल और उनके भाई अवधेश ने अपनी शिकायत लेकर कानपुर डीएम दफ्तर का रुख किया। दिवारी लाल ने बताया कि अलवर नशे में धुत होकर झगड़े करता है और सीधा चेहरे पर हमला करता है। उसने उनकी और उनके भाई की नाक काट ली, यहां तक कि कुल्हाड़ी से भी हमला किया।
गांव के अन्य लोगों का भी कहना है कि अलवर से बात करने तक में डर लगता है। कोई खेत में काम कर रहा हो या रास्ते से गुजर रहा हो, अगर अलवर सामने दिख जाए तो लोग रास्ता बदल लेते हैं। महिलाएं अपने बच्चों को अकेले बाहर नहीं भेजतीं, क्योंकि डर रहता है कि कहीं वह उन पर भी हमला न कर दे। लोगों का कहना है कि अब यह मामला किसी अफवाह का नहीं, बल्कि हकीकत बन चुका है — एक ऐसा इंसान जो हिंसा को आदत बना चुका है।
जैसे ही पीड़ित डीएम ऑफिस पहुंचे, प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दे दिए। एसीपी अमरनाथ यादव ने बताया कि 19 अक्टूबर को दोनों पक्षों में मारपीट हुई थी और मेडिकल जांच में चोट की पुष्टि हुई है, लेकिन नाक काटे जाने का जिक्र रिपोर्ट में नहीं है। हालांकि, ग्रामीणों के लगातार आरोपों ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं — क्या सच में यह हिंसा का चरम रूप है या सिर्फ एक विवाद की कहानी? गांव में अब भी डर का साया है, क्योंकि लोगों का कहना है — “हम न बाघ से डरते, न भेड़िए से… पर उस इंसान से जरूर डरते हैं जो इंसान का मांस तक काट लेता है।”