कानपुर न्यूज डेस्क: कानपुर के भीतरगांव के लक्ष्मणखेड़ा गांव में 11 मई की सुबह धीरेंद्र पासी की खून से लथपथ लाश घर के पीछे चारपाई पर मिली थी। पहले यह हत्या गांव के कुछ युवकों पर थोप दी गई थी और पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया था। लेकिन जब पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने जांच को गहराई से खंगाला तो हत्या की असली कहानी सामने आई, जिसने सबको चौंका दिया।
दरअसल, धीरेंद्र की पत्नी रीना का अपने भतीजे सतीश से अवैध संबंध था। सतीश उसका सगा जेठ का बेटा है। जब धीरेंद्र को इन दोनों के रिश्ते की भनक लगी और उसने घर में सीसीटीवी कैमरे लगवाने की योजना बनाई, तो रीना को डर सताने लगा। इसी डर से उसने सतीश के साथ मिलकर खौफनाक साजिश रच डाली और पति को हमेशा के लिए रास्ते से हटा दिया।
रीना ने पहले पति की सब्जी में नींद की गोलियां मिलाईं, फिर जब वह बेसुध हो गया तो चारपाई को घर के पीछे खुले में डाल दिया। आधी रात को सतीश को बुलाया और बाथरूम के ऊपर टांड़ में रखे लकड़ी के गुटके से धीरेंद्र के सिर पर कई बार वार कर उसकी जान ले ली। उस वक्त रीना की सास और छोटा बेटा कमरे के अंदर सो रहे थे।
हत्या के बाद सतीश और रीना ने मिलकर खून के धब्बे साफ किए, कपड़े धुले और खुद भी नहाए। अगले दिन जब पुलिस और ग्रामीण घटनास्थल पर जुटे थे, सतीश ने शक से बचने के लिए घर के बाहर नाटक करते हुए खुद को बेहोश दिखाया। परिजन उसे पानी के छींटे मारकर होश में लाए और सबने यही समझा कि वह भी घटना से दुखी है।
जांच में खुलासा हुआ कि रीना और सतीश एक-दूसरे से दिन में 60 से 100 बार फोन पर बात करते थे। सतीश ने दो नए सिम खरीदे थे—एक रीना के लिए और एक खुद के लिए। हत्या की योजना एक महीने पहले ही बन गई थी, लेकिन परिवार में एक अन्य हादसे की वजह से टल गई थी। बाद में जब मौका मिला तो गांव के कुछ युवकों से चल रहे विवाद का फायदा उठाकर रीना ने उन्हीं पर हत्या का आरोप लगाया, लेकिन कॉल डिटेल और साक्ष्यों ने सारा भेद खोल दिया।