कानपुर न्यूज डेस्क: कानपुर के कर्नलगंज थाने में तैनात दरोगा नरेश कुमार ने एक अधिवक्ता पर रंगदारी मांगने और जेल भेजने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया है। दरअसल, दो दिन पहले अधिवक्ता वीरेंद्र कुमार ने दरोगा समेत पांच पुलिसकर्मियों पर अभद्रता और जातिसूचक गालियां देने का आरोप लगाकर न्यायालय के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है, क्योंकि दरोगा ने भी अधिवक्ता के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज करा दिया है। पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुट गई है।
दरोगा नरेश कुमार, जो पहले चुन्नीगंज बस अड्डे पर चौकी इंचार्ज थे और अब डीसीपी सेंट्रल कार्यालय में तैनात हैं, ने बताया कि 22 जून 2024 को वह सिपाही अनुज कुमार के साथ शनिदेव मंदिर चौराहे पर वाहनों की चेकिंग कर रहे थे। इसी दौरान बेनाझावर निवासी अधिवक्ता वीरेंद्र कुमार बिना हेलमेट बाइक चला रहे थे, साथ ही उनकी नंबर प्लेट भी टूटी हुई थी। नियमों के तहत उनका चालान काट दिया गया, जिससे नाराज होकर अधिवक्ता ने अगले दिन चौकी पहुंचकर दरोगा पर चालान रद्द करने या उसका 100 गुना रकम देने का दबाव बनाया।
दरोगा के मुताबिक, अधिवक्ता वीरेंद्र ने न सिर्फ धमकी दी बल्कि अदालत में तथ्यों को छिपाकर दरोगा और पांच अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवा दी। इसके बाद, अधिवक्ता ने दरोगा से फिर मुलाकात की और कहा कि अगर वह छह लाख रुपये दे दें तो मुकदमा वापस ले लेंगे। दरोगा के अनुसार, उन्होंने वीरेंद्र को 50 हजार रुपये बृजेंद्र स्वरूप पार्क में दिए, लेकिन अधिवक्ता ने बाकी 5.50 लाख रुपये जल्द देने का दबाव बनाया। जब दरोगा ने मना कर दिया, तो उन्हें नौकरी से बर्खास्त करवाने और जेल भिजवाने की धमकी दी गई।
इस पूरे घटनाक्रम के बाद दरोगा नरेश कुमार ने भी अधिवक्ता के खिलाफ रंगदारी मांगने और धमकी देने की शिकायत दर्ज कराई। कर्नलगंज पुलिस अब दोनों पक्षों के आरोपों की जांच कर रही है। इस विवाद ने कानूनी और प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है, क्योंकि दोनों पक्ष एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। पुलिस इस मामले में आगे की कार्रवाई जल्द करेगी।