कानपुर न्यूज डेस्क: कानपुर में पुलिस विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक बदमाश को पकड़ने पहुंची पुलिस टीम के साथ ही उसकी मिलीभगत का खुलासा हुआ है। दरअसल, नवाबगंज और कोहना थाने की टीम जिस आरोपी अनूप शुक्ला को गिरफ्तार करने गई थी, उसे वहां तैनात दरोगा और सिपाही ने पहले ही फरार करा दिया। यह पूरा मामला सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया, जिसका फुटेज सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।
वीडियो में साफ दिख रहा है कि चौकी इंचार्ज आदित्य बाजपेई और सिपाही विजय राज बाइक से मौके पर पहुंचे और आरोपी अनूप शुक्ला को इशारों में भगने का इशारा किया। अनूप, जो पहले से तैयार था, सूटकेस लेकर मौके से निकल गया। पुलिस टीम जब दबिश देने पहुंची, तो अनूप वहां मौजूद नहीं था। वायरल फुटेज में यह पूरी मिलीभगत साफ दिखाई दे रही है, जिससे पुलिस विभाग की काफी किरकिरी हुई।
मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच की जिम्मेदारी सहायक डीसीपी कर्नलगंज को दी गई। जांच में पुष्टि हुई कि दोनों पुलिसकर्मियों ने आरोपी को जानबूझकर भगाया। इसके बाद डीसीपी ने तत्काल कार्रवाई करते हुए दोनों को सस्पेंड कर दिया और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई है। पुलिस का कहना है कि मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई भी की जा रही है।
बताया जा रहा है कि अनूप शुक्ला, दीनू उपाध्याय उर्फ धीरज गैंग का वांछित सदस्य है और उसके खिलाफ पहले से कई मामले दर्ज हैं। ऐसे में उसे भगाना न सिर्फ विभागीय लापरवाही है बल्कि अपराध में भागीदारी जैसा गंभीर मामला बनता है। इस प्रकरण ने पुलिस महकमे की कार्यप्रणाली और ईमानदारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं।