कानपुर न्यूज डेस्क: उत्तर प्रदेश के कानपुर में आईआईटी की एक छात्रा ने एसीपी मोहसिन खान पर गंभीर आरोप लगाए हैं। छात्रा ने दावा किया कि एसीपी ने झूठ बोलकर और प्यार का झांसा देकर उसके साथ दुष्कर्म किया। इस मामले में कल्याणपुर थाने में केस दर्ज किया गया है और एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) इसकी जांच कर रही है। पहले दिन की पूछताछ में छात्रा ने महत्वपूर्ण साक्ष्य प्रदान किए हैं, जिनमें व्हाट्सएप चैट्स, फोटो, वीडियो और कॉल रिकॉर्डिंग शामिल हैं। इसके अलावा, आईआईटी परिसर में लगे सीसीटीवी फुटेज भी जांच के लिए जुटाए गए हैं।
पीड़िता ने जांच के दौरान एसआईटी को बताया कि एसीपी मोहसिन खान से उसकी मुलाकात 2023 में आईआईटी कानपुर में हुई थी। इसके बाद दोनों के बीच बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ। पीड़िता ने बताया कि 23 जून 2024 को मोहसिन खान ने उसे यह कहकर मदद की पेशकश की कि वह पीएचडी के लिए एडमिशन लेना चाहता है और इसके लिए उसे मदद चाहिए। इसके बाद, छात्रा ने उसकी एडमिशन फीस जमा कराई और इंटरव्यू की तैयारी में उसकी मदद की, जिससे वह सफल हो गया और एडमिशन मिल गया।
आरोप के अनुसार, मोहसिन खान ने छात्रा से कहा कि वह अविवाहित है और उससे शादी करना चाहता है। छात्रा ने बताया कि वह अपने पुराने दोस्त से ब्रेकअप के बाद अकेली महसूस कर रही थी, जिसके चलते मोहसिन का प्रस्ताव उसने स्वीकार कर लिया। इसके बाद, दोनों ने कई महीनों तक एक-दूसरे के साथ समय बिताया, जिसमें मोहसिन खान ने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। बाद में यह खुलासा हुआ कि एसीपी पहले से शादीशुदा है, जिस पर दोनों के बीच विवाद हुआ। मोहसिन खान ने दावा किया कि उसका पत्नी से तलाक होने वाला है, लेकिन 27 नवंबर को जानकारी मिली कि उसकी पत्नी फिर से मां बन चुकी है, और तलाक की बात झूठी थी।
एसआईटी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक टीम का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता एडीसीपी ट्रैफिक अर्चना सिंह कर रही हैं। इस टीम ने आईआईटी परिसर, हॉस्टल के कमरे, और क्लासरूम्स का निरीक्षण किया और वहाँ के आगंतुक रजिस्टर को अपने कब्जे में लिया, जिसमें एसीपी के हस्ताक्षर थे। इसके अलावा, एसआईटी ने सीसीटीवी फुटेज और फॉरेंसिक टीम का भी सहयोग लिया है। पीड़िता के बयान 161 के तहत दर्ज किए जाएंगे और जांच जारी रहेगी।
मामले में पुलिस कमिश्नर ने एसआईटी की जांच को गति देने का निर्देश दिया है, ताकि आरोपों की सच्चाई सामने आ सके। चर्चा है कि जांच में एसीपी के खिलाफ महत्वपूर्ण साक्ष्य सामने आए हैं, जो उनकी मुश्किलें बढ़ा सकते हैं। इस मामले की जांच के साथ ही पुलिस ने इस तरह के गंभीर आरोपों से निपटने के लिए सुरक्षा और साक्ष्य के संग्रह में सावधानी बरतने की योजना बनाई है।