कानपुर न्यूज डेस्क: कानपुर में इंडस्ट्रियल एरिया स्थित एक छोटे से कमरे में सो रहे चार दोस्तों की मौत की खबर ने सबको हिला दिया। ठंड से बचने के लिए उन्होंने तसले में कोयला जलाया था और कमरे को अंदर से बंद कर सो गए थे। सुबह जब वे लंबे समय तक नहीं उठे तो पास में रहने वाले साथियों ने दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। शक गहराते ही पुलिस को बुलाया गया और दरवाजा तोड़ते ही अंदर चारों के शव पड़े मिले।
चारों दोस्त देवरिया के तरकुलवा थाना क्षेत्र के तौकलपुर गांव के रहने वाले थे और रिफाइनरी फैक्ट्री में वेल्डिंग का काम करते थे। रात में उन्होंने चिकन, रोटी और चावल बनाकर खाया था और फिर ठंड की वजह से कोयला जला लिया। कमरा सिर्फ 10x8 का था और वेंटिलेशन बिल्कुल नहीं था। पुलिस कमिश्नर के अनुसार, कोयला जलने से कार्बन मोनोऑक्साइड गैस बनी, जिसे वे बिना महसूस किए इनहेल करते रहे और धीरे-धीरे दम घुटने से उनकी मौत हो गई।
बुधवार रात तापमान 10.4 डिग्री था, इसलिए चारों दोस्त फर्श पर कागज के गत्ते और चादर बिछाकर सो गए थे। किसी ने पतला कंबल ओढ़ रखा था तो कोई बिना कंबल के लेटा था। सुबह जब साथी नागेंद्र उन्हें जगाने गया तो अंदर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। ठेकेदार अरुण के आने पर दरवाजा तोड़ा गया, कमरे में धुआं भरा था और तसले में कोयला-बुरादा सुलग रहा था। यह दृश्य देख सब सकते में आ गए।
फैक्ट्री अभी निर्माणाधीन है और छह महीने से ये लोग यहां वेल्डिंग का काम कर रहे थे। बॉयलर की टेस्टिंग के लिए भारी मात्रा में कोयला आया था, जिसे जलाकर वे सो गए थे। पुलिस ने फोरेंसिक जांच के बाद फैक्ट्री को सील कर दिया है। मेडिकल विशेषज्ञों के अनुसार अंगीठी या हीटर जलाकर कमरे को बंद करके सोना बेहद खतरनाक है, क्योंकि कार्बन मोनोऑक्साइड बढ़ने से ऑक्सीजन की कमी होती है और दिल-दिमाग तक खून की सप्लाई रुकने लगती है, जिससे मौत हो जाती है।