कानपुर न्यूज डेस्क: कानपुर पुलिस ने एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो लोगों से जबरन वसूली करता था। इस गिरोह में एक ट्रैफिक सब-इंस्पेक्टर, एक होमगार्ड और एक महिला प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) की जवान भी शामिल हैं। पुलिस के अनुसार ये लोग खुद को स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) का सदस्य बताकर लोगों को धमकाते और उनसे पैसे वसूलते थे। अब तक कुल आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि गिरोह का मुख्य सरगना, ट्रैफिक सब-इंस्पेक्टर अजीत यादव फरार है और उसे निलंबित कर दिया गया है।
यह मामला शारदा नगर निवासी अंबिका सिंह चंदेल की शिकायत पर सामने आया। अंबिका ने बताया कि सात से आठ लोगों का एक गिरोह उनके किराए के मकान पर छापा मारकर उनके परिवार के सदस्यों को लाठियों से पीटा। इस दौरान एक आरोपी पुलिस वर्दी में था और उन्होंने सायरन वाली गाड़ियां भी इस्तेमाल की थीं। गिरोह ने फर्जी पुलिस प्रतीक चिन्ह पहन रखे थे, जिससे वे पुलिस का डर दिखाकर लोगों को दबाव में रखते थे।
पुलिस उपायुक्त दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि गिरोह ने अंबिका सिंह चंदेल को झूठे केस में फंसाने की धमकी दी और 1.40 लाख रुपये नकद और 30,000 रुपये ऑनलाइन देने के लिए मजबूर किया। जांच में पता चला कि गिरोह के सदस्य हाल ही में एक साथ आए थे और बाद में उन्होंने पांच अन्य लोगों को भी अपने साथ जोड़ा था। ये गिरोह ज्यादातर सेक्स रैकेट और जुआ जैसी गैरकानूनी गतिविधियों में लगे लोगों को निशाना बनाता था।
गिरोह की कार्यप्रणाली में पहले किसी जगह की निगरानी करना, फिर पुलिस की वर्दी पहनकर और सायरन वाले वाहनों का उपयोग करके छापा मारना शामिल था। पुलिस ने इनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया है। गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से दो कारें, मोबाइल फोन और नकदी बरामद हुई है। मामले की जांच अभी भी जारी है।