कानपुर न्यूज डेस्क: कानपुर में पुलिस विभाग के अंदर से ही एक चौकाने वाला भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। यहां एक दरोगा से ही उसके वेतन की विसंगतियों को ठीक करने के नाम पर रिश्वत मांगी गई। दरअसल, शिकायतकर्ता उप निरीक्षक उदयपाल पांडेय ने जब इसका विरोध किया, तो उन्होंने एंटी करप्शन टीम की मदद ली और रिश्वत मांगने वाले उर्दू अनुवादक को रंगे हाथों पकड़वाया।
यह घटना पुलिस कमिश्नर कार्यालय की प्रधान लिपिक शाखा की है, जहां उर्दू अनुवादक महफूज अहमद को एंटी करप्शन टीम ने पांच हजार रुपये की घूस लेते हुए गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी बजरिया इलाके के एक अस्पताल के सामने की गई। देर शाम आरोपी को कोतवाली पुलिस के हवाले कर दिया गया और शनिवार को उसे भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट में पेश कर जेल भेजा जाएगा।
दरोगा उदयपाल पांडेय ने बताया कि उनके वेतन में गड़बड़ी थी, जिसके लिए उन्होंने कार्यालय में आवेदन दिया था। कोई कार्रवाई न होने पर उन्होंने हाईकोर्ट का सहारा लिया, जहां उनके पक्ष में आदेश आया। इसके बावजूद वेतन सुधार नहीं हुआ, तो उन्होंने अवमानना याचिका दायर की। इसी बीच महफूज अहमद ने उनसे कहा कि वेतन सुधार के लिए पांच हजार रुपये देने होंगे। दरोगा ने इसे ठुकरा दिया और एंटी करप्शन टीम से संपर्क कर लिया। ट्रैप के दौरान जैसे ही महफूज ने नोट लिए, टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया।
इस पूरे मामले पर एसीपी कलक्टरगंज आशुतोष कुमार सिंह ने कहा कि सरकारी कामकाज में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए इस तरह की कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। उन्होंने साफ कहा कि कोई भी भ्रष्टाचारी छोड़ा नहीं जाएगा। कानपुर पुलिस विभाग में यह घटना एक मिसाल बन गई है कि अब सिस्टम के भीतर भी ईमानदार अधिकारी भ्रष्टाचार के खिलाफ खुलकर आवाज उठा रहे हैं।