कानपुर न्यूज डेस्क: कानपुर की 24 साल की आकांक्षा की कहानी एक दर्दनाक घटना में बदल गई, जब उसके प्रेमी सूरज ने ब्रेकअप के गुस्से में उसे मौत के घाट उतार दिया। सूरज ने अपने दोस्त आशीष के साथ मिलकर आकांक्षा की लाश को सूटकेस में भरकर बांदा की यमुना में फेंक दिया। महीनों तक उन्होंने मोबाइल से झूठे मैसेज भेजकर हत्या का राज छुपाया, लेकिन पुलिस कमिश्नर के आदेश पर सीडीआर जांच ने अपराध का पर्दाफाश किया और दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।
रूरा कस्बे से लिव-इन तक
कहानी कानपुर देहात के रूरा कस्बे से शुरू होती है। आकांक्षा, विजयश्री की चार संतान में से एक, हनुमंत बिहार (कानपुर) में रेस्टोरेंट में काम करती थी और आत्मनिर्भर बनने का सपना देख रही थी। इसी बीच उसका परिचय फतेहपुर के सूरज से हुआ। दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदल गई और दोनों ने लिव-इन रिलेशनशिप में रहना शुरू किया। हालांकि कुछ ही समय में सूरज का व्यवहार शक और झगड़ों से भरा हो गया।
21 जुलाई की रात – आखिरी मुलाकात
आकांक्षा ने सूरज से अलग होने का फैसला कर लिया था। 21 जुलाई की रात सूरज जबरन उसके कमरे में गया और दोनों के बीच बहस हुई। गुस्से में सूरज ने उसका सिर दीवार से टकरा दिया, और बेहोशी के बाद गला दबाकर उसकी जान ले ली।
आशीष की मदद और यमुना तक का सफर
हत्या के बाद सूरज ने अपने दोस्त आशीष को बुलाया। दोनों ने लाश को सूटकेस में भरकर रात के अंधेरे में बाइक पर बांधा और 100 किलोमीटर दूर बांदा के चिल्लाघाट पुल से यमुना में फेंक दिया। उन्हें लगा कि सबूत मिट गए।
शातिर खेल और झूठे संदेश
कत्ल के बाद सूरज ने आकांक्षा का मोबाइल अपने पास रख लिया और उसकी मां को झूठे मैसेज भेजता रहा कि वह लखनऊ चली गई है और नौकरी मिल गई है। रेस्टोरेंट मालिक को भी यही मैसेज भेजा गया। कई महीनों तक दोनों ने इस खेल से हकीकत छुपाई। लेकिन अंततः पुलिस कमिश्नर के आदेश पर सीडीआर जांच ने हत्या का पर्दाफाश कर दिया।