कानपुर न्यूज डेस्क: जाजमऊ जेल से बड़ा मामला सामने आया है। पिछले साल हत्या के आरोप में बंदी असरुद्दीन जेल के अंदर से फरार हो गया। देर रात तक पुलिस ने जेल के अंदर और बाहर रेलवे स्टेशन व बस स्टेशन पर उसकी तलाश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। इस घटना के बाद डीजी जेल प्रेमचंद्र मीणा ने जेलर, डिप्टी जेलर समेत चार अधिकारियों को लापरवाही बरतने के कारण निलंबित कर दिया है। वहीं, डीआइजी जेल प्रदीप गुप्ता को मामले की जांच कर सात दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं।
असरुद्दीन ने पिछले साल 8 जनवरी को अपने दोस्त इस्माइल की हत्या की थी। आरोप है कि उसने अपनी पत्नी अख्तरी के इस्माइल से अवैध संबंध होने के शक में यह कांड किया था। असम के रहने वाले असरुद्दीन का तिवारीपुर कैलाश नगर में इस्माइल के साथ संपर्क था। हत्या के बाद उसे गिरफ्तार कर 24 जनवरी को जेल भेजा गया था।
शुक्रवार शाम बंदियों की गिनती के दौरान पता चला कि असरुद्दीन जेल से फरार हो चुका है। इस मामले में जेल प्रशासन की बड़ी चूक सामने आई है। डीजी जेल ने जेलर मनीष कुमार, डिप्टी जेलर रंजीत यादव, हेडवार्डन नवीन मिश्रा और वार्डन दिलशाद खान को निलंबित कर सख्त कार्रवाई की है। पुलिस अब फरार बंदी की खोज में जुटी हुई है।
इस पूरे मामले की जांच तेज कर दी गई है ताकि दोषियों पर जल्द कार्रवाई हो सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। प्रशासन का मकसद जेल सुरक्षा को और मजबूत बनाना है ताकि बंदियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।