कानपुर न्यूज डेस्क: कानपुर देहात में पैसे लेकर शादी कराने वाले गिरोह के सरगना अखिलेश ने सावित्री की दूसरी शादी झांसी के किशन से तय की थी और उसे किशन के पास छोड़ दिया था। लेकिन सावित्री ने अखिलेश से 50 हजार रुपये की मांग की, जिससे विवाद शुरू हो गया। यह विवाद इतना बढ़ा कि मामला हत्या तक पहुंच गया। सावित्री झारखंड की रहने वाली बताई जाती है।
सावित्री की शादी अखिलेश उर्फ पप्पू और उसकी पत्नी ने नितिन से कराई थी। करीब दो साल से वह नितिन के साथ गुरगांव में रह रही थी। नितिन, जो मकान बनाने का ठेका लेता है, अक्सर काम के सिलसिले में घर से बाहर रहता है। हाल के महीनों में नितिन और सावित्री के बीच मनमुटाव भी चल रहा था। एसपी बीबीजीटीएस मूर्ति के अनुसार, अब तक की जांच में यह सामने आया है कि सावित्री उस दिन अखिलेश के घर पहुंची थी।
नितिन द्वारा सावित्री की मारपीट से परेशान होकर अखिलेश ने उसे धर्मेंद्र और उसकी पत्नी रानी के पास भेज दिया। रानी एक एनजीओ चलाती हैं। यहीं से सावित्री की शादी झांसी के किशन नाम के व्यक्ति से कराने का फैसला हुआ। सावित्री को झांसी ले जाकर छोड़ दिया गया, और उसके बाद अखिलेश और रानी वापस लौट आए। कुछ दिनों बाद, सावित्री ने 50 हजार रुपये की मांग शुरू कर दी। इसके चलते धर्मेंद्र ने अपनी कार से अखिलेश और रानी को लेकर सावित्री को समझाने का प्रयास किया।
सावित्री ने वहां पर अपने मामले की पूरी जानकारी लोगों के सामने लाने की धमकी दी, जिसे लेकर उसे समझाने के बहाने ले जाया गया। रास्ते में, विवाद की स्थिति बन गई। पहले तो सावित्री पर ईंट से हमला किया गया और फिर मां-बेटी को गंभीर हालत में छोड़कर वहां से चले गए। सावित्री की गंभीर चोटों के कारण मौत हो गई, जबकि उसकी बेटी पूरी तरह से ठीक है। ललितपुर पुलिस मामले की जांच कर रही है और स्थानीय पुलिस आरोपियों की पहचान करने में जुटी है।
गांव में पुलिस की कार्रवाई के बाद अखिलेश, धर्मेंद्र, और रानी के पकड़े जाने से एक चुप्पी छा गई। आरोपियों के घरों पर भी कोई दिखाई नहीं दिया, और अखिलेश के घर पर ताला लटकता रहा। गांव के लोग इस घटना पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं थे, हालांकि महिलाएं अखिलेश की आदतों पर चर्चा करती रहीं। नितिन के परिवार के सदस्य सुशील, मां प्रभा देवी, और भाई रितिक भी गमगीन नजर आए।