कानपुर न्यूज डेस्क: कानपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट सीएम ग्रिड योजना में घटिया निर्माण का मामला सामने आया है। नगर निगम ने सड़क निर्माण में खराब गुणवत्ता और नियमों की अनदेखी करने पर एसएस इंफ्राजोन प्राइवेट लिमिटेड नामक ठेकेदार कंपनी पर 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि सड़क निर्माण में मानक सामग्री का उपयोग नहीं किया गया, जिससे काम की गुणवत्ता पर सवाल उठे हैं। वहीं, ठेकेदारों द्वारा बिना योजना के सड़कों को खोदने और मलबा डालने से हजारों परिवारों को आने-जाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
नगर निगम के इंजीनियरों की टीम ने किदवई नगर, स्वरूप नगर और ग्वालिन चौराहा इलाके में निरीक्षण किया, जहां निर्माण कार्य की स्थिति बेहद लापरवाही भरी पाई गई। अधिकारियों ने बताया कि ठेकेदार न तो 40 एमएम गिट्टी का इस्तेमाल कर रहा था, न ही साइट पर कोई लैब स्थापित की गई थी। सड़क किनारे बैरिकेडिंग की व्यवस्था भी नहीं की गई, जिससे हादसे का खतरा बना हुआ है। ठेकेदार कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर और इंजीनियर मौके पर नहीं मिले, जबकि अनुबंध के अनुसार उनकी मौजूदगी जरूरी थी।
यूरिडा टीम ने भी लखनऊ से आकर परियोजना का निरीक्षण किया और निर्माण की धीमी गति पर नाराजगी जताई। उन्होंने किदवई नगर से बाबाकुटी चौराहा, कल्याणपुर और अवधपुरी तक बन रही सड़कों का जायजा लिया और अतिक्रमण को जल्द हटाने के निर्देश दिए। मुख्य अभियंता ने टीम को भरोसा दिया कि जल्द ही निर्माण कार्य मानक प्रक्रिया के अनुसार दोबारा शुरू कराया जाएगा।
गौरतलब है कि सीएम ग्रिड योजना के तहत 16.88 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण 149.15 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। इससे पहले भी घंटाघर से ग्रीनपार्क चौराहा तक सड़क बनाने वाली कंपनी को लापरवाही के लिए 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा चुका है। अधिकारियों ने ठेकेदारों को चेतावनी दी है कि अगर मानक प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया, तो अनुबंध रद्द कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।