कानपुर न्यूज डेस्क: कानपुर से सपा के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी को गैंगस्टर एक्ट मामले में 34 महीने जेल में बिताने के बाद राहत मिली है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान और दो अन्य आरोपियों को जमानत दे दी। इरफान सोलंकी 2 दिसंबर, 2022 से महराजगंज जेल में बंद थे। यह जमानत उनके खिलाफ दर्ज आखिरी गैंगस्टर एक्ट मामले के लिए मिली है।
इरफान की मां को जमानत की खबर मिलते ही भावुकता में आकर रो पड़ीं और कहा कि सभी दुआएं काम आईं। उनका कहना था कि सभी मुकदमे झूठे थे और अब उनका बेटा 24 घंटे के अंदर घर लौट आएगा। वहीं, हाईकोर्ट पहुंची विधायक पत्नी नसीम सोलंकी ने कहा कि पौने तीन साल का संघर्ष आखिरकार समाप्त हुआ।
इरफान पर कुल 10 मामले दर्ज हैं। इनमें से एक केस में 7 जून 2024 को महिला के प्लॉट में आगजनी के आरोप में उन्हें 7 साल की सजा हुई थी, जिसके बाद उनकी विधायक की पद समाप्त हो गई और उपचुनाव में उनकी पत्नी नसीम विधायक बनीं। इरफान के वकील इमरान उल्लाह ने कहा कि आज गैंगस्टर एक्ट में आखिरी बेल की सुनवाई हुई और उम्मीद है कि वे कल जेल से बाहर आ सकते हैं।
हाईकोर्ट ने जमानत देने के तीन मुख्य कारण बताए:
जिस मुकदमे में कमिश्नर और डीएम ने गैंग चार्ट पर अपना कंसेंट दिया, उसमें आवश्यक “एप्लिकेशन ऑफ माइंड” नहीं था।
गैंगस्टर एक्ट के तहत न्यूनतम सजा दो साल है और इरफान इस केस में करीब 2 साल 7 महीने जेल में रह चुके हैं।
गैंगस्टर केस में इंडिकेट करने के लिए आधार बनाए गए मुकदमे में, धारा 336 के तहत, प्रॉसीक्यूशन मामले को “बियॉन्ड रीजनेबल डाउट्स” साबित नहीं कर सकी।
विधायक पत्नी नसीम ने कहा कि यह जमानत उनके परिवार और न्याय की जीत है। उन्होंने खुशी के आंसू बहाते हुए कहा कि लंबे समय से चल रहे संघर्ष का अंत आज हुआ।