कानपुर न्यूज डेस्क: बदुआपुर में केडीए ने शहर से ट्रांसपोर्ट नगर को शिफ्ट करने के लिए तीन अरब रुपये की लागत से तीन चरणों में नया ट्रांसपोर्ट नगर बसाया था। इसमें से फेज एक और तीन केडीए ने नगर निगम को सौंप दिए हैं, साथ ही विकास कार्यों के लिए पर्याप्त धन भी दिया गया। नगर निगम ने अब तक 14 करोड़ रुपये खर्च कर सड़क, फुटपाथ और पार्क निर्माण जैसे काम कराए हैं। लेकिन इसके बावजूद, इस जगह पर बिना अनुमति के मौरंग की मंडी बस गई है, जो स्थानीय लोगों के लिए बड़ी समस्या बन गई है।
मौरंग लदे ट्रकों के लगातार आवागमन से यहां की सड़कें टूटने लगी हैं और फैली मौरंग के कारण कई दोपहिया वाहन चालक गिरकर घायल हो चुके हैं। इस स्थिति से ग्रामीण बेहद नाराज हैं और उनका गुस्सा कभी भी सड़क पर फूट सकता है। क्षेत्रीय पार्षद ने इस समस्या को लेकर पुलिस और नगर निगम प्रशासन को कई बार शिकायत की है, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने चेतावनी दी है कि समस्या का समाधान नहीं हुआ तो हाईवे को जोड़ने वाला रास्ता बंद भी किया जा सकता है।
केडीए ने यह नया ट्रांसपोर्ट नगर 2016 में बदुआपुर और भौंती के बीच बसाया था ताकि ट्रांसपोर्ट नगर को यहां शिफ्ट किया जा सके। मगर ट्रांसपोर्ट नगर शिफ्ट नहीं हो पाया, बल्कि मौरंग के व्यापारी यहां अवैध मंडी लगा बैठे हैं। आसपास हर तरफ मौरंग और गिट्टी फैली पड़ी है, जिससे इलाके की सफाई और सुरक्षा पर बुरा असर पड़ रहा है। नगर निगम फिलहाल 10 करोड़ रुपये से सड़क का काम, 3.5 करोड़ रुपये से फुटपाथ और 70 लाख रुपये से पार्क का निर्माण कर रहा है।
पूर्व पार्षद दिनेश बाजपेयी ने बताया कि कई बार प्रशासन को मौरंग मंडी हटाने की शिकायत की गई, लेकिन सिर्फ खानापूरी हुई है और कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे सड़क बंद कर विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे। प्रशासन की अनदेखी से इलाके में तनाव बढ़ता जा रहा है।