कानपुर न्यूज डेस्क: कानपुर में गंगा नदी का जलस्तर तेजी से खतरे की ओर बढ़ रहा है, जिससे प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में आ गया है। बिठूर से लेकर ड्योढ़ी घाट तक त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू कर दी गई है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए गंगा बैराज के 30 में से 15 गेट खोल दिए गए हैं।
तीन दिन में 1.3 मीटर से ज्यादा बढ़ा जलस्तर
शुक्लागंज में गंगा का जलस्तर 29 जून को 108.43 मीटर था, जो अब 109.74 मीटर तक पहुंच चुका है। पिछले 24 घंटों में 27 सेंटीमीटर की बढ़त दर्ज की गई है। नरोरा बैराज से गुरुवार को 82,160 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे गंगा बैराज से 29,555 क्यूसेक पानी शुक्लागंज की ओर भेजा गया। चेतावनी बिंदु 113 मीटर और खतरे का निशान 114 मीटर पर है, जिसके करीब गंगा पहुंचती जा रही है।
नावों पर प्रतिबंध के बावजूद जारी है संचालन
सिंचाई विभाग ने प्रशासन को पत्र भेजकर नावों के संचालन पर रोक लगाने की सिफारिश की है। बोट क्लब में नौकायन 15 अक्टूबर तक बंद कर दिया गया है, लेकिन अन्य घाटों पर चोरी-छिपे नावें चल रही हैं। अधिशासी अभियंता पंकज गौतम ने बताया कि गंगा किनारे के गांवों को सतर्क कर दिया गया है।
घाटों और गांवों में बढ़ाई गई सतर्कता
जिलाधिकारी की अध्यक्षता में घाट प्रभारियों, नाविकों, मंदिर पुजारियों, पुलिस और राजस्व अधिकारियों की बैठक हुई। अधिकारियों को रात में गश्त और दिनभर निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। नाविकों को सख्त हिदायत दी गई है कि वे नावों में क्षमता से अधिक सवारी न बैठाएं और सूर्यास्त के बाद नौकायन पूरी तरह बंद रखें।
गंगा के जलस्तर की तेजी से बढ़ोतरी को देखते हुए प्रशासन की यह सक्रियता ज़रूरी है, ताकि किसी भी संभावित आपदा से पहले राहत और बचाव कार्य सुचारु रूप से संचालित किया जा सके।