कानपुर न्यूज डेस्क: कानपुर में गंगा नदी का जलस्तर लगातार खतरे के निशान की ओर बढ़ रहा है। पहाड़ों में हो रही भारी बारिश और हरिद्वार-नरौरा बैराज से छोड़े गए पानी के चलते गंगा का बहाव तेज़ हो गया है। गंगा बैराज का जलस्तर 112.900 मीटर तक पहुंच गया है, जिस वजह से प्रशासन ने सभी 30 गेट खोल दिए हैं। जिले के अधिकारी और सिंचाई विभाग हालात पर नजर रखे हुए हैं, वहीं गंगा किनारे बसे गांवों को सतर्क कर दिया गया है।
प्रशासन ने साफ कर दिया है कि अगर जलस्तर 113 मीटर से ऊपर जाता है तो पानी गांवों में घुस सकता है। ऐसी स्थिति में राहत और बचाव टीमों को तुरंत रवाना किया जाएगा। गंगा किनारे रह रहे लोगों को सतर्क कर दिया गया है और उनसे नदी किनारे न जाने की अपील की गई है। जिला प्रशासन ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर सभी प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जाएगा।
शहर से सटे शुक्लागंज में भी गंगा का जलस्तर बढ़ने से चिंता बढ़ गई है। बुधवार को यहां जलस्तर 110.890 मीटर रिकॉर्ड किया गया। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगर जलस्तर 113 मीटर तक पहुंचता है तो शुक्लागंज और उन्नाव के कई इलाके बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं। लगातार बारिश और पहाड़ों से आ रहे पानी से नदी का जलस्तर और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे गंगा किनारे जाने से बचें और बच्चों को भी वहां न भेजें। अधिकारी हर स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और कहा गया है कि जरूरत पड़ने पर गांव-गांव जाकर राहत कार्य शुरू किया जाएगा। फिलहाल प्रशासन की सभी टीमें अलर्ट मोड पर हैं और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।