कानपुर न्यूज डेस्क: कानपुर में सोमवार को इस साल की सबसे तेज़ बारिश ने शहर को थाम दिया। रविवार देर रात करीब साढ़े तीन बजे शुरू हुई 72 मिमी की मूसलाधार बरसात सोमवार दोपहर तीन बजे तक जारी रही, जिससे शहर के एक-तिहाई मोहल्लों में पानी भर गया। जाजमऊ में टीला धंसने से मलबे में दबकर एक दंपती फंस गया, जिसमें महिला की मौत हो गई। वहीं घाटमपुर में दीवार और छत ढहने की अलग-अलग घटनाओं में एक वृद्धा और एक बच्चे की जान चली गई।
तेज़ बारिश से रेलवे स्टेशन के ट्रैक पर पानी भर गया, जिससे सिग्नल सिस्टम प्रभावित हुआ और ट्रेनों का संचालन बाधित हो गया। केस्को के 14 सबस्टेशनों में पानी भरने और 30 से अधिक सबस्टेशनों में फॉल्ट के कारण छह से सात घंटे तक बिजली सप्लाई ठप रही। करीब 100 से अधिक मोहल्लों में जलभराव से लोग घंटों परेशान रहे। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि 5 अगस्त को भी भारी बारिश हो सकती है, जबकि 6 और 7 अगस्त को भी बरसात की संभावना है।
मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश और आसपास के राज्यों में चार चक्रवातों के सक्रिय होने से बारिश का यह दौर बना हुआ है। 15 जुलाई से 15 अगस्त तक मानसून सबसे ज्यादा सक्रिय रहता है, और इस बार बरसात का सिलसिला सितंबर के अंत तक खिंच सकता है। पिछले दो दिन की लगातार बरसात से दिन का तापमान 2.3 डिग्री गिरकर 26.6 डिग्री और रात का पारा 24.2 डिग्री पर आ गया।
तेज़ बारिश से न सिर्फ बिजली और पानी की सप्लाई बाधित हुई बल्कि कई जगह पेड़ और बिजली के पोल भी गिर पड़े। गोविंदनगर जैसे इलाकों में रात 11 बजे गुल हुई बिजली अगले दिन दोपहर तक बहाल हो सकी। कई जगह 11 केवी और एचटी लाइनों पर पेड़ों की डालियां गिरने से 19 फीडर ठप हो गए। शहर के कचहरी, कानपुर क्लब, ग्वालटोली और तिलकनगर समेत कई इलाकों में पांच से छह घंटे तक अंधेरा छाया रहा।