कानपुर न्यूज डेस्क: कानपुर में चोरी की घटनाओं का खौफ अब शहर तक पहुंच गया है। करीब महीने भर पहले आसपास के जिलों में सक्रिय चोरों के गिरोहों को लेकर खुफिया विभाग और एलआईयू ने अलर्ट जारी किया था, लेकिन कमिश्नरी पुलिस कार्रवाई करने के बजाय हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। नतीजा यह हुआ कि अब गुजैनी, बर्रा, गोविंदनगर और हनुमंत विहार जैसे शहरी इलाकों में भी लोग खुद जागकर अपने घरों की सुरक्षा करने लगे हैं। ग्रामीण इलाकों की तरह अब शहर में भी लोग रातभर लाठी-डंडे और टॉर्च लेकर पहरा दे रहे हैं।
हालात ऐसे हो गए हैं कि लोगों ने अपने रिश्तेदारों और परिचितों को रात में न आने की सलाह देना शुरू कर दिया है। अजनबियों पर शक होते ही उन पर हमला कर दिया जाता है। कई घटनाओं में निर्दोष लोगों को पीट-पीटकर अधमरा करने तक के मामले सामने आए हैं। सोशल मीडिया पर नकाबपोश चोरों और पिटाई के बाद घायल पड़े युवकों की तस्वीरें और वीडियो भी तेजी से वायरल हो रहे हैं।
पुलिस की कार्रवाई पर सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं क्योंकि हिरासत में लिए गए कुछ संदिग्धों ने अपनी पहचान बिहार, झारखंड और दूसरे जिलों से बताई है। बावजूद इसके, बीते पंद्रह दिनों से लगातार चोरियां हो रही हैं और पुलिस खुलासा करने में नाकाम रही है। सबसे ज्यादा परेशानी गुजैनी, बर्रा, गोविंदनगर, हनुमंत विहार, चकेरी, कल्याणपुर और सचेंडी जैसे इलाकों में देखने को मिल रही है।
ग्रामीण क्षेत्रों का हाल भी कुछ अलग नहीं है। महाराजपुर, नरवल, चौबेपुर, शिवराजपुर और बिल्हौर में लाखों लोग रात में जगकर पहरा देने को मजबूर हैं। चकेरी इलाके के कई स्थानीय लोगों ने बताया कि चोरी की घटनाओं का डर इतना बढ़ गया है कि अब लोग बारी-बारी से सो रहे हैं। इस बीच, रात्रि गश्त की न के बराबर मौजूदगी पर भी लोग नाराजगी जता रहे हैं।