कानपुर न्यूज डेस्क: कानपुर चिड़ियाघर से बर्ड फ्लू को लेकर आई पहली रिपोर्ट ने प्रशासन को कुछ राहत दी है। बरेली स्थित IVRI लैब से आए 11 सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव पाई गई है, जिसमें बब्बर शेर अजय और शंकर, एक पक्षी, तालाब की मिट्टी और पानी के साथ-साथ वन्यजीवों के लिए दिए जाने वाले मांस और मछली के सैंपल भी शामिल हैं। हालांकि, भोपाल की राष्ट्रीय उच्च पशु रोग संस्थान से रिपोर्ट आना बाकी है, जिसका इंतजार किया जा रहा है।
गौरतलब है कि गोरखपुर से इलाज के लिए लाए गए शेर पटौदी और एक मोर की बर्ड फ्लू से मौत हो गई थी, जिससे हड़कंप मच गया था। इसके बाद 21 मई को विशेषज्ञों की पांच सदस्यीय टीम ने चिड़ियाघर का दौरा कर जगह-जगह से पानी, मिट्टी और जानवरों के संपर्क में आने वाली जगहों से सैंपल लिए थे। इन सैंपलों को जांच के लिए बरेली और भोपाल भेजा गया था।
इस बीच मादा शेरनी उमा की तबीयत भी चिंता का कारण बनी हुई है। पिछले चार दिनों से उसने खाना नहीं खाया है, जिससे उसकी स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। उसके सैंपल भी जांच के लिए भेजे गए हैं और पशु चिकित्सकों की टीम उसके खानपान में सुधार लाने की कोशिश कर रही है।
जू डायरेक्टर श्रद्धा यादव ने बताया कि सभी बर्ड फ्लू प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है और जब तक वन्यजीवों के दो बार की निगेटिव रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक जू नहीं खोला जाएगा। यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी पानी की गुणवत्ता को लेकर अपनी रिपोर्ट दी है और झील में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाने के लिए फव्वारा लगाने का सुझाव दिया है। फिलहाल 10 जून तक जू दर्शकों के लिए बंद रहेगा।