कानपुर न्यूज डेस्क: कानपुर में दिवाली के दौरान एक बड़ी दुर्घटना हो गई। काकादेव इलाके में एक कारोबारी के घर में आग लग गई। परिवार ने आग से बचने की पूरी कोशिश की, लेकिन तीव्र गर्मी के कारण वे इलेक्ट्रॉनिक लॉक का कोड याद नहीं कर पाए और घर के भीतर फंस गए। इस हादसे में कारोबारी, उनकी पत्नी और उनकी नौकरानी की जहरीले धुएं की चपेट में आकर मौत हो गई। इस त्रासदी के बाद परिवार में शोक की लहर है और आम लोग इस घटना से स्तब्ध हैं।
डीसीपी (सेंट्रल कानपुर) दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि यह हादसा काकादेव के पांडु नगर इलाके में हुआ, जहां कारोबारी संजय श्याम दसानी (49), उनकी पत्नी कनिका (45), और घरेलू सहायिका छवि चौहान (24) रहते थे। संजय श्याम दसानी अंबाजी फूड्स नाम की बिस्कुट कंपनी के मालिक थे और कुछ अन्य कारोबार में भी शामिल थे। डीसीपी ने बताया कि गुरुवार रात परिवार ने दिवाली की पूजा की थी और लकड़ी के मंदिर में दीया जलाकर अपने-अपने कमरों में सोने चले गए थे।
डीसीपी के अनुसार, शुक्रवार सुबह करीब 3 बजे लकड़ी के मंदिर में आग लगी, जिसने जल्दी ही पूरे घर को अपनी चपेट में ले लिया। जब आग दसानी के कमरे तक पहुंची, तो उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक लॉक खोलने की कोशिश की, लेकिन तेज गर्मी के कारण सही कोड नहीं डाल पाए। इसके साथ ही, कमरे में धुआं भर जाने से दंपत्ति और उनकी सहायिका बेहोश हो गए।
पुलिस के अनुसार, उनके बेटे हर्ष दासानी सुबह 4 बजे दिवाली समारोह से लौटे और देखा कि घर से धुआं और आग की लपटें उठ रही हैं। उन्होंने तुरंत पड़ोसियों और पुलिस को सूचित किया, जिसके बाद फायर ब्रिगेड पहुंची। दमकलकर्मियों ने आग पर काबू पाया और तीनों को बाहर निकाला, लेकिन अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
डीसीपी त्रिपाठी ने बताया कि तीनों की मौत जहरीले धुएं की वजह से हुई। उन्होंने कहा कि अगर दंपत्ति ने दरवाजे के नीचे गीला कपड़ा रखकर धुएं को रोकने और खिड़की खोलकर ताजी हवा आने देने का प्रयास किया होता, तो शायद वे इस हादसे से बच सकते थे।