कानपुर न्यूज डेस्क: आलमबाग से कानपुर जा रही विकासनगर डिपो की बस में उस वक्त हड़कंप मच गया जब चलते बस में अचानक खिड़की का शीशा टूट गया। खिड़की से सटे यात्री नागेश्वर अवस्थी को कांच लगने से मामूली चोट भी आई, लेकिन चौंकाने वाली बात यह रही कि बस में प्राथमिक उपचार के लिए फर्स्ट एड बॉक्स तक नहीं था। इससे बस की देखरेख और यात्रियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठने लगे हैं।
बताया गया कि बस यूपी 78 एफएन 3414 रविवार को पौने बारह बजे आलमबाग से कानपुर रवाना हुई थी। शहर की सीमा पार करते ही मुख्य गेट के पास दूसरी सीट की खिड़की का शीशा अचानक तेज आवाज के साथ टूट गया। यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। हालांकि बड़ा हादसा टल गया, लेकिन नागेश्वर अवस्थी के हाथ में खरोंचें आ गईं। उन्हें मामूली चोट लगी, मगर उपचार के लिए न तो कंडक्टर के पास फर्स्ट एड था और न ही कोई मदद मिली।
यात्रियों ने आरोप लगाया कि कंडक्टर ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। टूटे कांच के टुकड़े पूरे रास्ते बस में बिखरे रहे और बस कानपुर तक ऐसे ही चलती रही। यह घटना डिपो की लापरवाही को उजागर कर रही है, जिससे यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं।
आरटीओ और रोडवेज विभाग की ओर से बसों की फिटनेस और यात्रियों की सुरक्षा का दावा तो किया जाता है, लेकिन हकीकत इससे इतर नजर आ रही है। अब देखना होगा कि इस घटना के बाद अधिकारी इस लापरवाही पर क्या कार्रवाई करते हैं।