कानपुर न्यूज डेस्क: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को आईआईटी कानपुर में आयोजित समन्वय कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने इंडस्ट्री और अकादमिक जगत के बीच सहयोग पर जोर दिया और कहा कि सफलता पाने के लिए मन के तीन स्तरों का सही इस्तेमाल जरूरी है – चेतन मन से आधुनिक अध्ययन, अवचेतन मन से नवाचार और अचेतन मन से शोध एवं अनुसंधान।
मुख्यमंत्री ने भारत की आर्थिक स्थिति पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि 300 साल पहले भारत दुनिया की नंबर वन अर्थव्यवस्था था, 1947 में इसका वैश्विक योगदान केवल 2% रह गया, जबकि आज भारत चौथी अर्थव्यवस्था है। उन्होंने कहा कि इसे फिर से शीर्ष स्तर पर लाने के लिए टेक्नोलॉजी, अनुसंधान और उत्पादन क्षेत्र में आत्मनिर्भर होना आवश्यक है।
योगी आदित्यनाथ ने आईआईटी कानपुर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सस्टेनेबिलिटी पर केंद्रित कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उन्होंने नोएडा स्थित आईआईटी ड्रोन टेक्नोलॉजी सेंटर का हालिया निरीक्षण और ऑपरेशन सिंदूर में इसके योगदान का उदाहरण भी साझा किया। उन्होंने कहा कि मेडटेक सेंटर अगले वर्ष तक बड़ी उपलब्धि के तौर पर सामने आएगा और प्रतिस्पर्धा के इस युग में पीछे छूटने वालों की गिनती नहीं होगी।
मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश की आर्थिक प्रगति पर भी चर्चा की। 1964 तक प्रदेश देश की नंबर वन अर्थव्यवस्था था, लेकिन 2016-17 तक यह आठवीं अर्थव्यवस्था बन गया था। अब इसे फिर से दूसरी अर्थव्यवस्था बनाकर आगे बढ़ाने के लिए आईआईटी की टेक्नोलॉजी और इंडस्ट्री के बीच समन्वय जरूरी है। उन्होंने कहा कि नोएडा में बनने वाले डीपटेक सेंटर के नेतृत्व के लिए आईआईटी वैज्ञानिकों और इंडस्ट्री के विशेषज्ञों को एक साथ काम करना होगा। समारोह में कैबिनेट मंत्री राकेश सचान, टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज के CTO डॉ. हैरिक विन और आईआईटी के उपनिदेशक प्रो. बृजभूषण मौजूद रहे।