मुंबई, 13 अप्रैल, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह भोपाल के रवींद्र भवन में आयोजित राष्ट्रीय सहकारिता सम्मेलन में शामिल हुए। इस दौरान मध्यप्रदेश दुग्ध संघ और नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (NDDB) के बीच एमओयू हुआ। इसके साथ ही एमपी के छह दुग्ध संघों और एनडीडीबी के बीच छह अलग-अलग एमओयू भी किए गए। शाह ने कहा कि देश में सहकारी समितियां अब पेट्रोल पंपों का संचालन करेंगी और रसोई गैस वितरण भी संभालेंगी। सहकारिता सेक्टर में मध्य प्रदेश में काफी संभावनाएं हैं, जिस पर काम करने की जरूरत है। सम्मेलन को संबोधित करते हुए सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा, मध्य प्रदेश के अंदर कृषि, पशुपालन और सहकारिता क्षेत्र में अधिक संभावनाएं हैं। मैं मानता हूं कि हमें हमारी संभावनाओं का शत-प्रतिशत दोहन करने के लिए ढेर सारा काम करने की जरूरत है। अमित शाह ने कहा कि ग्रामीण विकास और कृषि विकास के आयाम, पशुपालन के आयाम, इन सबको एक जगह पर रखकर केंद्रीय स्तर पर कोई विचार नहीं किया। विचार होता भी कैसे। कोई सहकारिता मंत्रालय ही नहीं था।
उन्होंने आगे कहा, आजादी के 75 साल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने सहकारिता मंत्रालय बनाकर मुझे मंत्री बनाया। मोहन जी कह रहे हैं उन्हें आश्चर्य हुआ तो थोड़ा मुझे भी आश्चर्य हुआ। साढ़े तीन साल के समय में मोदी जी ने खुद बहुत बारीकी से देखकर सहकारिता आंदोलन में बहुत बड़ा बदलाव लाने का काम किया। आज भी सहकारिता राज्य का विषय है। भारत सरकार राज्य की सूची में कोई बदलाव नहीं कर सकती, लेकिन पैक्स को पुनर्जीवित करना, डेयरी क्षेत्र को बढ़ाना, उत्पादन के क्षेत्र में सहकारिता को ले जाना, अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक, जिला सहकारी बैंक और ग्रामीण बैंकों के सुचारू व्यवस्थापन का सारा काम कैसे होगा। उन्होंने आगे कहा, सहकारिता मंत्रालय में सबसे पहले मॉडल बायलॉज बनाए और उसे सभी राज्य सरकारों को भेजे। कई पत्रकार अटकलें लगा रहे थे कि मॉडल बायलॉज राजनीति की भेंट चढ़ जाएगा। कई गैर भाजपा शासित राज्य बायलॉज स्वीकार नहीं करेंगे। मैं कहना चाहता हूं कि संपूर्ण भारत में मॉडल बायलॉज को स्वीकार किया गया है। जब आपकी नीयत ठीक हो, श्रम करने की वृत्ति हो तो नतीजे भी ठीक ही आएंगे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने की। इस दौरान सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग, पशुपालन-डेयरी विकास मंत्री लखन पटेल के साथ-साथ नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड और मध्यप्रदेश के सहकारिता, पशुपालन एवं डेयरी विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे। इससे पहले स्टेट हैंगर पर शाह का स्वागत मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने किया। इसके बाद शाह का काफिला रवाना होकर सीएम हाउस पहुंचा, जहां शाह ने सीएम मोहन यादव और उनके साथी मंत्रियों के साथ लंच किया। वहीँ, सीएम ने कहा कि हजारों साल से ऐसा माना जाता था कि हमारे देश में दूध की नदियां बहती थीं, लेकिन गाय का दूध खरीदने में हाथ जोड़ते थे। यह बात अलग है कि दूध में पानी मिलाकर चला दें, लेकिन कोई दूध उत्पादक घर से गाय का दूध लेकर जाए तो गाय का दूध नहीं खरीदते थे।