कानपुर न्यूज डेस्क: कानपुर में दिल्ली बम ब्लास्ट से जुड़ी कड़ी लगातार खुलती जा रही है। आतंकी शाहीन और आरिफ के बाद अब एक और नाम जांच एजेंसियों के रडार पर आ गया है। इसी शख्स ने आरिफ को कानपुर में कमरा दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। दिलचस्प बात ये है कि वो दिल्ली ब्लास्ट केस से पहले यहां डॉक्टरेट ऑफ मेडिसिन (DM) की पहली काउंसलिंग में आया था, लेकिन डेढ़ महीने बाद दूसरी काउंसलिंग में उसे अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में सीट मिल गई, तो वो चला गया। उसकी खाली सीट पर ही दूसरी काउंसलिंग में कश्मीरी मूल के डॉ. मोहम्मद आरिफ मीर को एडमिशन मिला था।
ठीक इसी फ्लो में डा. यासिर भी अशोक नगर वाले उसी फ्लैट में रहा था, जहां से एजेंसियों ने डा. आरिफ को पकड़ा था। यह फ्लैट भट्ठा संचालक कन्हैयालाल का है। कन्हैयालाल बताते हैं कि उन्होंने यह फ्लैट कार्डियोलॉजी के डॉ. अभिषेक को 27 हजार रुपये महीने पर किराए पर दिया था। शुरुआत में वे डा. यासिर को लेकर आए थे, और जब यासिर चला गया तो उन्होंने ही कहा कि अब डॉ. आरिफ उनके साथ रहेंगे।
कन्हैयालाल के मुताबिक उनके छह फ्लैट हैं—दो में उनका परिवार रहता है और बाकी चार किराए पर दिए गए हैं। इन्हीं में से एक फ्लैट से जांच एजेंसियों ने डॉ. आरिफ को उठाया था। अब एजेंसियां नए नाम की भूमिका भी खंगाल रही हैं, ताकि पूरी चैन को जोड़ा जा सके।