कानपुर न्यूज डेस्क: कानपुर में बनने वाला नया आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र इन दिनों शहर की सबसे बड़ी चर्चा बना हुआ है। दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर की तर्ज पर तैयार किए जाने वाले इस भव्य परिसर को लेकर तैयारियां तेज हो चुकी हैं। करीब 15 एकड़ में बन रहे इस केंद्र का हाल ही में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दौरा किया, जिसके बाद परियोजना को नई गति मिल गई है। शहर में इस भव्य योजना को लेकर उत्साह साफ दिखाई दे रहा है।
कोविंद सबसे पहले पत्थर घाट पहुंचे, जहां पारंपरिक तरीके से मां गंगा की पूजा-अर्चना की गई। वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच संतों ने गंगा आरती कराई और उन्हें इस क्षेत्र की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत से परिचित कराया। पूर्व राष्ट्रपति ने गंगा तट पर राज्य और देश की खुशहाली की भी कामना की। इसके बाद प्रशासन ने उन्हें उस पूरे क्षेत्र का निरीक्षण कराया जहां मंदिर और गुरुकुल परिसर विकसित होना है।
निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने विस्तृत नक्शा दिखाते हुए बताया कि जिस 15 एकड़ भूमि पर निर्माण होना है, वहां चारों ओर की सड़कें पहले से चौड़ी हैं और भविष्य में विस्तार की भी पूरी गुंजाइश है। यहां बनने वाले आधुनिक गुरुकुल में छात्रों को वैदिक शिक्षा, योग, संस्कृति और नैतिक मूल्यों के साथ आधुनिक विषय भी पढ़ाए जाएंगे। मंदिर परिसर भारतीय पारंपरिक वास्तुकला और आधुनिक सुविधाओं का मिश्रण होगा।
स्थानीय धार्मिक संगठनों का मानना है कि यह केंद्र आने वाले वर्षों में पूरे देश के लिए अध्यात्म और शिक्षा का आदर्श मॉडल साबित हो सकता है। प्रशासन का कहना है कि निर्माण कार्य को निर्धारित समय में पूरा किया जाएगा और इससे रोजगार, पर्यटन और शिक्षा के नए अवसर भी खुलेंगे। पूर्व राष्ट्रपति ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना को सामाजिक और सांस्कृतिक उत्थान की दिशा में बड़ा कदम बताते हुए सराहना की।