कानपुर न्यूज डेस्क: कानपुर चिड़ियाघर में बढ़ती ठंड के कारण उम्रदराज वन्यजीवों की देखभाल चुनौतीपूर्ण बन गई है। वन्यजीव चिकित्सकों की टीम नियमित रूप से इनका स्वास्थ्य परीक्षण कर रही है। इनके शरीर को गर्म रखने और स्वस्थ बनाए रखने के लिए विशेष खानपान और दवाओं की व्यवस्था की गई है।
चिड़ियाघर में करीब एक दर्जन ऐसे वन्यजीव हैं, जिन्होंने अपनी औसत आयु पूरी कर ली है। इनमें हिमालयन भालू राधा (26) और प्रिया (15), शेर अजय (15), हिप्पो डॉली (41), थामिन डीयर, तेंदुआ श्याम (15) और सोहन (16) शामिल हैं। इनकी उम्र और ठंड को ध्यान में रखते हुए विशेष इंतजाम किए गए हैं।
मुख्य पशुचिकित्साधिकारी डॉ. अनुराग सिंह ने बताया कि भीषण ठंड के कारण वृद्ध वन्यजीवों के बाड़ों में हीटर, पुआल, और पर्दे लगाए गए हैं। इन्हें बाड़े से बाहर निश्चित समय के लिए ही निकाला जा रहा है। प्रत्येक बाड़े पर दो कीपर तैनात हैं, जो सुबह-शाम इनकी देखभाल कर रहे हैं।
डॉ. अनुराग ने बताया कि सर्दियों की शुरुआत में ही इन जीवों के भोजन में बदलाव किया गया था। अब इनके आहार में कैल्शियम और मल्टीविटामिन की मात्रा बढ़ा दी गई है। विशेष टॉनिक और ऊर्जा प्रदान करने वाले आहार दिए जा रहे हैं, ताकि ठंड के प्रभाव से बचाव हो सके।
डॉक्टरों की टीम दिन में तीन बार इनका स्वास्थ्य परीक्षण कर रही है। उनकी हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है ताकि कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने पर तुरंत इलाज किया जा सके। इन इंतजामों के जरिए चिड़ियाघर प्रशासन वृद्ध वन्यजीवों को ठंड के प्रकोप से बचाने की पूरी कोशिश कर रहा है।