कानपुर न्यूज डेस्क: शनिवार को स्कूल ऑफ बेसिक साइंस और अंतर्राष्ट्रीय संबंध एकेडमी में एक नवाचार कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग की भूमिका नोबल पुरस्कार के लिए विचार-विमर्श किया गया। इस कार्यशाला में दक्षिणी डेनमार्क विश्वविद्यालय के प्रोफेसर योगेन्द्र कुमार मिश्रा ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया और प्रौद्योगिकी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के महत्व पर प्रकाश डाला।
कार्यशाला में सीएसआईआर प्रयोगशाला लखनऊ की डॉ. ऋतु त्रिवेदी ने दवा विकास में प्रोटीन संरचनाओं के डिकोडिंग की अवधारणा पर विस्तार से चर्चा की। इस अवसर पर प्रो. आरके द्विवेदी, डॉ. अनुराधा कलानी, डॉ. शिल्पा कायस्थ, डॉ. अंजू दीक्षित, डॉ. इंद्रेश शुक्ला सहित कई विशेषज्ञ उपस्थित थे। इस कार्यशाला का उद्देश्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा देना था।