कानपुर न्यूज डेस्क: दिल्ली सरकार ने बढ़ते वायु प्रदूषण और पानी की कमी से निपटने के लिए एक नई पहल की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में "क्लाउड सीडिंग" यानी कृत्रिम बारिश कराने के पांच ट्रायल की मंज़ूरी दी गई। इस परियोजना के लिए IIT कानपुर को जिम्मेदारी सौंपी गई है, और इस पर कुल ₹3.21 करोड़ का खर्च आएगा। हर ट्रायल पर ₹55 लाख का खर्च होगा, और पांच ट्रायल का कुल खर्च ₹2.75 करोड़ निर्धारित किया गया है।
IIT कानपुर इस प्रोजेक्ट को लागू करने की पूरी जिम्मेदारी निभाएगा, जिसमें योजना बनाना, हवाई जहाज उड़ाना, रसायनों को बादलों में छोड़ना और वैज्ञानिक तरीके से नतीजों का मूल्यांकन करना शामिल है। दिल्ली सरकार इस परियोजना के लिए पैसे सीधे IIT कानपुर को देगी। इसके अलावा, इस परियोजना की शुरुआत से पहले, 13 सरकारी एजेंसियों से मंजूरी ली जाएगी, जिसमें रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, नागरिक उड्डयन विभाग और एयरपोर्ट अथॉरिटी जैसे विभाग शामिल हैं।
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि पहला ट्रायल मई और जून 2025 के बीच दिल्ली के बाहरी इलाकों में किया जाएगा। क्लाउड सीडिंग एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जिसमें सिल्वर आयोडाइड जैसे रसायनों को बादलों में छोड़ा जाता है, ताकि बारिश हो सके। इस प्रक्रिया के जरिए प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से हवा में मौजूद जहरीले कणों को नीचे गिराने की कोशिश की जाएगी।
सरकार का उद्देश्य दिल्ली की जनता को साफ हवा मुहैया कराना है। मंत्री सिरसा ने कहा कि यह तकनीक प्रदूषण के खिलाफ उनकी लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है। इस प्रयोग को सरकार की अन्य पहलों जैसे AI द्वारा निगरानी और 24x7 प्रदूषण जांच के साथ जोड़ा जाएगा। पांच ट्रायल के बाद वैज्ञानिक तरीके से यह मूल्यांकन किया जाएगा कि क्लाउड सीडिंग से कितनी बारिश हुई और प्रदूषण पर इसका क्या असर पड़ा।