कानपुर न्यूज डेस्क: बिकरू कांड को पांच साल बीत चुके हैं, लेकिन उस रात की दहशत और पुलिस की बहादुरी आज भी याद की जाती है। अब उसी बहादुरी को सम्मान देने की तैयारी शुरू हो गई है। तत्कालीन आईजी मोहित अग्रवाल और उनकी स्पेशल टीम को गैलेंट्री अवॉर्ड देने का प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय भेज दिया गया है। मुख्यालय की मंजूरी मिलते ही फाइल गृह मंत्रालय पहुंचेगी। वहीं कांड में शहीद हुए दो सिपाहियों को मरणोपरांत सम्मान देने की प्रक्रिया भी जारी है।
दो जुलाई 2020 की रात जब पुलिस टीम विकास दुबे को पकड़ने उसके घर पहुंची थी, तब तक उसे दबिश की सूचना मिल चुकी थी। गांव की छतों पर हथियारबंद लोगों को तैनात कर रखा गया था। पुलिस टीम पहुंचते ही अंधाधुंध फायरिंग की गई और आठ पुलिसकर्मियों की मौके पर ही मौत हो गई। इस बड़े हमले के बाद तत्कालीन आईजी मोहित अग्रवाल और एसएसपी दिनेश कुमार पी ने पूरी कमान संभाली और लगातार ऑपरेशनों में विकास दुबे समेत छह अपराधियों को ढेर कर दिया।
इस एनकाउंटर ऑपरेशन के दौरान एसएसपी दिनेश कुमार पी की जैकेट में गोली लगी थी और एक गोली आईजी मोहित अग्रवाल के कान को छूकर निकल गई थी। जवाबी कार्रवाई में सिपाही दुर्गेश मणि भी घायल हुए थे। इस घटना के बाद यूपी की पुलिस व्यवस्था, सतर्कता और इंटेलिजेंस तंत्र पर भी कई सवाल उठे थे। लेकिन ऑपरेशन के दौरान दिखाई गई बहादुरी ने पूरे पुलिस बल का मनोबल बढ़ाया।
विकास दुबे पर करीब 60 केस दर्ज थे और स्थानीय राजनीति में भी उसका प्रभाव था। बिकरू कांड के बाद उसके कई साथियों को भी विभिन्न मुठभेड़ों में समाप्त किया गया। अब गैलेंट्री अवॉर्ड के लिए आईजी मोहित अग्रवाल, एसएसपी दिनेश कुमार पी, एसपी डॉ. अनिल कुमार समेत 10 पुलिसकर्मियों के नाम भेजे गए हैं। वहीं इस कांड में शहीद हुए आठ पुलिसकर्मियों और एनकाउंटर में ढेर किए गए छह अपराधियों की सूची भी एक बार फिर चर्चा में है।