कानपुर न्यूज डेस्क: आईआईटी कानपुर ने एक ऐसा स्वदेशी स्पंज विकसित किया है, जो अधिक चोट या दुर्घटना में खून बहने की स्थिति में तुरंत खून को रोक सकता है। यह स्पंज समुद्री घास से बनाया गया है और इसमें चिपकने वाला पदार्थ (लॉक) भी मिलाया गया है, जिससे यह खून को सोखने में सक्षम है। इसे पहले चूहों और अन्य जानवरों पर परीक्षण किया गया, जिसमें यह पूरी तरह से सफल रहा।
शोधकर्ता कौशल शाक्य के अनुसार, उनका अध्ययन पहले पॉलीमर पैकेजिंग पर था, लेकिन उन्होंने खून सोखने वाले स्पंज पर भी शोध करना शुरू किया। उन्होंने समुद्री घास और सेलुलोस का उपयोग करके एक नया स्पंज तैयार किया। परीक्षणों में पाया गया कि यह स्पंज खून को पूरी तरह से सोखता है। अब इसे मनुष्यों पर परीक्षण के लिए तैयार किया जा रहा है और इसके बाद इसे भारतीय बाजारों में उपलब्ध कराया जाएगा।
आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर विवेक वर्मा ने बताया कि समुद्र के किनारे पाए जाने वाले लाल घास की तुलना में सामान्य घास ज्यादा मोटी और घनी होती है। इस घास में सेलुलोस मिलाकर एक संरचनात्मक बदलाव किया गया है, जिससे खून के कण इसमें फंस जाते हैं और खून बहना रुक जाता है। इसे फर्स्ट ऐड के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
यह स्पंज फिलहाल रक्षा क्षेत्र में इस्तेमाल किया जा रहा है और मेडिकल उपयोग के लिए इसे तैयार करने में लगभग छह महीने का समय लग सकता है। इसके लिए भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) में एक पेटेंट दायर किया गया है, जबकि आईआईटी कानपुर ने इसके दो पेटेंट पहले ही दायर किए हैं।
इस स्वदेशी स्पंज के विकास से खून बहने की स्थिति में जीवन रक्षक मदद मिल सकती है, और यह भारत के चिकित्सा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।