कानपुर न्यूज डेस्क: बढ़ते शहरीकरण के कारण ठोस कचरा निस्तारण एक गंभीर समस्या बन गई है। इस समस्या के समाधान के लिए आईआईटी कानपुर के 5 वैज्ञानिकों की टीम काम कर रही है। कोटक स्कूल ऑफ सस्टेनेबिलिटी के डीन, प्रोफेसर सच्चिदानंद त्रिपाठी ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने आईआईटी कानपुर से सहायता मांगी थी। इस संदर्भ में एक बैठक हो चुकी है। हम कानपुर नगर निगम को एक संपूर्ण रोडमैप देंगे, जिसे सफल होने पर पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा।
प्रोफेसर त्रिपाठी ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने वेस्ट मैनेजमेंट पर आईआईटी कानपुर के निदेशक मणींद्र अग्रवाल से सहयोग मांगा है। इसके परिणामस्वरूप, कोटक स्कूल ऑफ सस्टेनेबिलिटी के सिविल इंजीनियरिंग, एनवायरनमेंट, केमिकल और बायो साइंसेज एंड बायो इंजीनियरिंग विभाग के पांच प्रोफेसरों ने कानपुर के डीएम और नगर आयुक्त के साथ बैठक की। बैठक में रोडमैप के लिए सहयोग के तरीके पर चर्चा हुई, और प्रारूप तैयार हो चुका है। पूरा डेटा उन्हें दिया जाएगा। प्रक्रिया को सही ढंग से चलाने के लिए एक समन्वय समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें कानपुर नगर निगम का प्रतिनिधि और आईआईटी कानपुर का एक सदस्य शामिल होगा।
पनकी, कानपुर में नगर निगम का सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट चल रहा है, जो 1500 टन कचरे का निस्तारण कर सकता है। यहां प्रतिदिन 1200 से 1300 टन ठोस कचरे का निस्तारण किया जा रहा है।