कानपुर न्यूज डेस्क: उत्तर प्रदेश के कानपुर से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। रविवार को वार्ड-14 की पार्षद शालू कनौजिया ने नाले के चेंबर में उतरकर बाल्टी से सिल्ट निकालने का काम किया। बिना किसी सुरक्षा उपकरण के, उन्होंने अपने जीवन को जोखिम में डालते हुए चेंबर में प्रवेश किया। यह कदम उन्होंने इसलिए उठाया क्योंकि इलाके में पिछले डेढ़ साल से सीवर जल भराव की समस्या बनी हुई है। महिला पार्षद ने इस समस्या को हल कराने के लिए डीएम और जलकल सहित अन्य संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखकर सहायता की मांग की थी, लेकिन किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया।
पार्षद शालू कनौजिया पिछले डेढ़ साल से संबंधित अधिकारियों के दफ्तरों का चक्कर लगा रही हैं, लेकिन उनके प्रयासों का कोई असर नहीं पड़ा। दीवाली का त्योहार नजदीक है, और क्षेत्र में लोगों के घरों के बाहर सीवर का पानी जमा है, जिससे उन्हें सांस लेने में भी कठिनाई हो रही है। जल भराव के कारण क्षेत्र में संक्रामक बीमारियों का खतरा भी उत्पन्न हो गया है। स्थानीय नागरिक अक्सर पार्षद के पास शिकायत लेकर पहुंचते हैं।
पार्षद के पति और पूर्व पार्षद सुनील कनौजिया ने बताया कि वार्ड-14 में पिछले दो वर्षों से मेट्रो परियोजना का काम चल रहा है। मेट्रो द्वारा ऊंचाई पर डाली गई सीवर लाइन के कारण पुरानी सीवर लाइन ध्वस्त होकर नीचे दब गई है, जबकि पुरानी सीवर लाइन का कनेक्शन हजारों घरों में है। यही कारण है कि जल भराव की समस्या उत्पन्न हो रही है, जिससे बड़ी संख्या में लोग परेशान हैं।
महिला पार्षद शालू कनौजिया ने ग्राउंड नाले के चेंबर में सीढ़ी लगाकर प्रवेश किया। उन्होंने बाल्टी से सिल्ट निकालने की प्रक्रिया शुरू की। इस दौरान उनके पति सुनील कनौजिया और स्थानीय लोग भी उनके साथ थे। क्षेत्रवासियों ने जलकल विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। शालू कनौजिया ने कहा कि मैं अपने क्षेत्र की जनता के लिए अपनी जान की परवाह नहीं करती, क्योंकि मेरे लिए जनता की भलाई सबसे महत्वपूर्ण है।
शालू कनौजिया ने बताया कि उन्होंने सीवर जलभराव की समस्या को लेकर डीएम, जलकल महाप्रबंधक, और अधिशासी अभियंता को पत्र लिखे हैं। उन्होंने उनके कार्यालय जाकर समस्या की जानकारी दी और वहां की भौगोलिक स्थिति और स्थानीय लोगों के आक्रोश के बारे में भी बताया। इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। उनका कहना है कि मेट्रो ने जो गलती की है, उसे जिला प्रशासन द्वारा ठीक किया जाना चाहिए, या फिर मेट्रो के अधिकारियों पर दबाव डालकर समस्या को सुलझाना चाहिए।