कानपुर न्यूज डेस्क: कानपुर की 20 लाख की जनसंख्या को साल के अंत तक एक महत्वपूर्ण उपहार मिल सकता है। कानपुर मेट्रो के पहले कॉरिडोर का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। वर्तमान में, पहले कॉरिडोर पर मेट्रो के संचालन के लिए पांच भूमिगत स्टेशनों पर कार्य तेजी से चल रहा है, जो अब अंतिम चरण में है। अगले दो महीनों में यहां मेट्रो की आवाजाही शुरू हो सकती है, जिससे कानपुर की 20 लाख लोगों को सीधे रेलवे स्टेशन तक पहुँचने में सुविधा मिलेगी और उन्हें यात्रा का एक नया साधन प्राप्त होगा।
आपको जानकारी दे दें कि कानपुर मेट्रो दो कॉरिडोर के रूप में विकसित की जा रही है। पहले कॉरिडोर में आईआईटी कानपुर से कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन तक का हिस्सा शामिल है, जिसमें आईआईटी कानपुर से मोतीझील तक 9 ऊंचे स्टेशन स्थापित किए गए हैं, जहां मेट्रो का संचालन जारी है। इसके अलावा, पांच नए भूमिगत मेट्रो स्टेशनों का निर्माण भी पूरा हो चुका है, जिन पर दिसंबर से मेट्रो चलाने की योजना है।
मोतीझील के बाद पांच नए भूमिगत स्टेशनों का निर्माण पूरा हो चुका है, जहां पहली बार मेट्रो सुरंग के अंदर दौड़ती दिखाई देगी। इनमें चुन्नी गंज, नवीन मार्केट, बड़ा चौराहा, नयागंज और रेलवे स्टेशन शामिल हैं। कानपुर के निवासियों को पहली बार सुरंग के भीतर मेट्रो यात्रा करने का रोमांचक अनुभव मिलने जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, कानपुर में मेट्रो का निर्माण दो कॉरिडोर में किया जा रहा है। पहले कॉरिडोर में मेट्रो 9 ऊँचाई वाले स्टेशनों पर संचालित हो रही है, और पांच भूमिगत स्टेशन जल्द ही तैयार हो जाएंगे। दूसरी ओर, दूसरे कॉरिडोर में चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से लेकर बर्रा 8 और कानपुर साउथ तक शामिल है, जहां काम तेजी से जारी है। कानपुर मेट्रो प्रोजेक्ट की कुल लागत 11,076 करोड़ रुपए है, और इसे दो कॉरिडोर में विकसित करने की योजना है।