कानपुर न्यूज डेस्क: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कानपुर और उसके आसपास के जिलों को एक बार फिर औद्योगिक गति देने की तैयारी शुरू कर दी है। लखनऊ समेत राज्य के अन्य हिस्सों में जहां स्पेशल इकॉनमिक ज़ोन (SEZ) की प्रक्रिया तेज़ी से आगे बढ़ रही है, वहीं अब कानपुर को दिल्ली-एनसीआर की तर्ज पर एक बड़ा क्षेत्रीय विकास केंद्र बनाने की योजना पर काम शुरू हो गया है।
कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) ने जीआईएस आधारित मास्टर प्लान-2051 के तहत एक विस्तृत रणनीति तैयार करना शुरू कर दिया है। इस योजना में कानपुर नगर, देहात, फतेहपुर, हमीरपुर, बांदा, जालौन, औरैया और कन्नौज जैसे आठ जिलों को शामिल किया गया है। इन जिलों में संगठित विकास और आधारभूत संरचना के विस्तार के लिए "कानपुर रीजनल इंटीग्रेटेड अथॉरिटी (क्रीडा)" का गठन किया जाएगा, जो क्षेत्रीय प्लानिंग, भूमि उपयोग और निवेश को एक प्लेटफॉर्म पर लाएगी।
इस महत्वाकांक्षी योजना का मकसद सिर्फ योजनाएं बनाना नहीं, बल्कि उन्हें धरातल पर उतारना भी है। इसके लिए एक विशेष टीम गठित की जा रही है जो "Ease of Living" और "Ease of Doing Business" दोनों पहलुओं को मजबूती देगी। कभी देश की औद्योगिक राजधानी रहे कानपुर को अब नए विज़न और स्मार्ट प्लानिंग के साथ दोबारा वही पहचान दिलाने की तैयारी है।