कानपुर न्यूज डेस्क: कानपुर में इस समय खादी उत्सव का आयोजन बड़े धूमधाम से किया जा रहा है, जहां प्रदेश और बाहर से आए कारीगर अपने हस्तशिल्प उत्पाद बेच रहे हैं। इस उत्सव में बड़ी संख्या में लोग खरीदारी करने पहुंचे हैं, जो कारीगरों की कला को प्रोत्साहन देने का काम कर रहे हैं। इस आयोजन का उद्देश्य कारीगरों को बाजार और उचित मूल्य दिलाना है, ताकि उनकी कला उपेक्षित न हो। यह उत्सव 29 जनवरी तक मोतिया झील में आयोजित किया जा रहा है और यहाँ विभिन्न प्रकार के उत्पाद उपलब्ध हैं, जो ग्राहकों द्वारा खूब खरीदे जा रहे हैं।
खादी उत्सव में जहां एक ओर पारंपरिक खादी के उत्पादों की बिक्री हो रही है, वहीं दूसरी ओर कुछ खास और आकर्षक उत्पादों की भी डिमांड देखने को मिल रही है। इनमें से एक खास चटाई, जो मेरठ से आई है, काफी चर्चित हो रही है। यह चटाई सड़क किनारे उगने वाली घास से बनाई गई है और इसके ऊपर मखमली कारपेट की परत चढ़ाई गई है, जो पिकनिक के लिए बहुत उपयुक्त है। इसकी कीमत 600 से लेकर 1100 रुपये तक है और लोग इसे खरीदने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
इसके अलावा, खादी उत्सव में बकरे के चमड़े से बने खिलौने और लकड़ी के खिलौनों की भी जबरदस्त डिमांड है। बनारस से आए लकड़ी के खिलौने और मेरठ से आए बकरे के चमड़े के खिलौने कारीगरों के प्रमुख उत्पादों में शामिल हैं। ये खिलौने न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी काफी लोकप्रिय हो रहे हैं। राम गोपाल यादव, जो मेरठ से आए हैं, कहते हैं कि उनके बनाए बकरे के चमड़े के खिलौने विदेशों में भी बिक रहे हैं, और इनकी मांग अमेरिका, ब्रिटेन और जापान से आ रही है।
इस खादी उत्सव में 50 रुपये से लेकर 50 हजार रुपये तक के विभिन्न उत्पाद उपलब्ध हैं, जो लोगों को आकर्षित कर रहे हैं। घर सजाने के लिए कई खास आइटम्स भी यहां मिल रहे हैं। यह उत्सव कारीगरों के लिए एक बेहतरीन अवसर प्रदान करता है, जहां वे अपनी कला को व्यापक बाजार तक पहुंचा सकते हैं और एक उचित मूल्य पर अपनी मेहनत का सही मूल्य पा सकते हैं।