कानपुर न्यूज डेस्क: लखनऊ और कानपुर के बीच प्रस्तावित रैपिड रेल अब सीधे दोनों शहरों के मेट्रो स्टेशनों से जुड़ने जा रही है। इस रेल परियोजना का उद्देश्य है कि लोगों को एक शहर से दूसरे शहर की यात्रा में तेज़ी और सुविधा मिले। यह रैपिड रेल अमौसी मेट्रो स्टेशन (लखनऊ) से नयागंज मेट्रो स्टेशन (कानपुर) के बीच चलेगी और महज 40 मिनट में यह सफर पूरा हो सकेगा। इस पूरी योजना के तहत 67 किमी लंबा नमो कॉरिडोर विकसित किया जाएगा।
सरकार ने इस परियोजना की नियमित निगरानी के लिए 13 अधिकारियों की एक उच्चस्तरीय समिति गठित की है, जिसकी अध्यक्षता प्रमुख सचिव (आवास) करेंगे। हाल ही में एनसीआरटीसी ने इस परियोजना के लिए एलडीए से एनओसी मांगी थी, जो मिल चुकी है। अब निगरानी समिति इस योजना की प्रगति की रिपोर्ट सीधे शासन को भेजेगी और हर स्तर पर इसकी निगरानी करेगी।
परियोजना में खास ध्यान इस बात पर दिया जा रहा है कि यात्रियों को मेट्रो से रैपिड रेल तक आने में अलग साधनों का सहारा न लेना पड़े। कोशिश होगी कि मेट्रो स्टेशनों से ही रैपिड रेल तक सीधा कनेक्शन हो, जिससे लोगों को आवागमन में कोई दिक्कत न हो। इस दृष्टिकोण से योजना को पूरी तरह इंटीग्रेटेड ट्रांसपोर्ट सिस्टम के रूप में विकसित किया जा रहा है।
इस निगरानी समिति में लखनऊ और कानपुर के कमिश्नर, डीएम, एलडीए और केडीए के उपाध्यक्ष, यूपी मेट्रो और एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक, नगर एवं ग्राम नियोजक, तथा आवास बंधु निदेशक जैसे वरिष्ठ अधिकारी सदस्य होंगे। जल्दी ही इस समिति की पहली बैठक होगी, जहां रैपिड रेल परियोजना के हर पहलू पर चर्चा कर काम को गति देने की रणनीति बनाई जाएगी।