कानपुर न्यूज डेस्क: एक समय महंगी होकर आम आदमी की थाली से गायब हो चुकी अरहर की दाल अब फिर से बजट में लौटती नजर आ रही है। बीते साल जहां इसके दाम 180 से 200 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए थे, वहीं इस बार अच्छी पैदावार और बाज़ार में बेहतर सप्लाई के चलते थोक में यह दाल 100 रुपये और फुटकर में 105-110 रुपये प्रति किलो के बीच बिक रही है। दाल कारोबारियों का कहना है कि अगर मौसम और आपूर्ति सामान्य रही, तो आने वाले दिनों में दाम 90 रुपये प्रति किलो तक भी जा सकते हैं।
भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष ज्ञानेश मिश्रा का कहना है कि कुछ साल पहले तक अरहर दाल की कीमतें सामान्य थीं, लेकिन पिछले साल महंगाई ने इसे आमजन की थाली से लगभग गायब कर दिया था। लोगों ने मजबूरी में मटर या अन्य सस्ती दालों का विकल्प अपनाना शुरू कर दिया था। अब सिर्फ अरहर ही नहीं, बल्कि मसूर, मूंग, चना और उड़द जैसी अन्य दालों के दामों में भी गिरावट आई है, जिससे बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ी है और ग्राहकों को विकल्प भी ज्यादा मिल रहे हैं।
दाल कारोबारियों और दुकानदारों का कहना है कि दाम घटने के साथ ही ग्राहक एक बार फिर बाजारों का रुख कर रहे हैं। प्रोटीन से भरपूर अरहर दाल की मांग तेजी से बढ़ रही है और यह फिर से रोज़मर्रा की थाली का हिस्सा बनती जा रही है। हालांकि व्यापारियों का मानना है कि सरकार को दालों की कीमतों में स्थिरता बनाए रखने के लिए ठोस और दीर्घकालिक नीतियों की ज़रूरत है, जिससे किसानों को भी लाभ मिले और उपभोक्ता भी राहत महसूस करें।