कानपुर न्यूज डेस्क: उत्तर प्रदेश के कानपुर में गंगा नदी पर दो नए पुलों के निर्माण की योजना को सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। यह पुल ट्रांसगंगा सिटी को शहर से जोड़ेगा और लखनऊ तक एक वैकल्पिक रास्ता प्रदान करेगा। दोनों पुल वाई-आकार के होंगे और दो-दो लेन के बनाए जाएंगे। पिछले महीने यूपीसीडा (उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण) के कार्यालय में इस परियोजना को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई थी।
पुलों के निर्माण के लिए प्रारंभिक स्वीकृति मिलने के बाद सेतु निगम के स्तर पर इसका अंतिम अनुमान तैयार किया जा रहा है। इन पुलों का निर्माण ट्रांसगंगा सिटी से शुरू होगा, जो आगे चलकर रानीघाट और धोबीघाट पर समाप्त होगा। डिजाइन में बदलाव के कारण परियोजना की लागत 188 करोड़ रुपये बढ़ गई है, जिससे कुल खर्च 726 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
यूपीसीडा के सीईओ मयूर महेश्वरी ने पुल निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अब यह प्रस्ताव यूपीसीडा बोर्ड के पास भेजा जाएगा, जो बजट स्वीकृति के बाद इसे अंतिम रूप देगा। इसके तहत गंगा नदी पर ट्रांसगंगा से रानीघाट और धोबीघाट को जोड़ने वाले पुलों का निर्माण किया जाएगा।
सरसैयाघाट से ट्रांसगंगा को जोड़ने वाले पहले प्रस्ताव को सरकार ने 538 करोड़ रुपये की लागत के साथ मंजूरी दी थी। हालांकि, वीआईपी रोड पर ट्रैफिक जाम की संभावना को देखते हुए प्रशासन ने इस योजना को एनओसी देने से इंकार कर दिया। इसके बाद मंडलायुक्त स्तर पर नए विकल्प की खोज शुरू हुई।
मंडलायुक्त ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ मिलकर रानीघाट और धोबीघाट को जोड़ने वाले वाई-आकार के पुल की डिजाइन तैयार करवाई। 10 दिसंबर को यूपीसीडा ने इस डिजाइन को मंजूरी दी और सेतु निगम को अंतिम लागत का आकलन करने को कहा। यह पुल 25 मीटर चौड़ा होगा और दोनों पुलों पर दो-दो लेन बनाई जाएंगी।
नए पुलों के बनने से गंगा नदी पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा। रानीघाट से उन्नाव की ओर जाने का रास्ता बनेगा, जबकि धोबीघाट से आने वाले वाहनों को कानपुर तक लाने की सुविधा होगी। यह परियोजना कानपुर और उन्नाव के बीच कनेक्टिविटी को मजबूत करेगी।
गौरतलब है कि कानपुर में 149 साल पुराना गंगा पुल जर्जर स्थिति में था और 26 नवंबर को इसका एक हिस्सा गिर गया था। वर्तमान में शुक्लागंज, जाजमऊ, और गंगा बैराज जैसे पुलों पर ट्रैफिक का भारी दबाव है। नए पुलों के बनने से यातायात की स्थिति में सुधार की उम्मीद है।