कानून की आंखों में धूल झोंक रहे दरिंदे! एसिड फेंकने पर सजा, पिलाने पर बच रहे? सुप्रीम कोर्ट ने लिया बड़ा एक्शन
घरेलू हिंसा के दौरान महिलाओं पर तेजाब फेंकने की घटनाओं के बीच, अब एक और गंभीर और क्रूर प्रवृत्ति सामने आई है: घरेलू हिंसा में महिलाओं को जबरन एसिड पिलाना (Forced Acid Ingestion)। इस मामले को लेकर खुद एक एसिड पीड़िता, शाहीन मलिक, ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने ऐसी पीड़िताओं के लिए एक अलग और स्पष्ट कानून बनाने की मांग की है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मांग पर गंभीर चिंता जताते हुए केंद्र सरकार सहित सभी राज्यों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है।
मौजूदा कानून में मुआवजे का अभाव
शाहीन मलिक का कहना है कि एसिड अटैक सर्वाइवर्स को विकलांगता का दर्जा देने वाला जो राइट्स ऑफ पर्सन्स विथ डिसेबिलिटीज एक्ट, 2016 (RPwD Act) बना था, उसमें 'एसिड पिलाए जाने' जैसी घटनाओं से पीड़ित महिलाओं के लिए पर्याप्त मुआवजे या विशिष्ट प्रावधानों का अभाव है।
उन्होंने कोर्ट को अपनी और अन्य पीड़िताओं की व्यथा बताते हुए कहा कि एसिड पिलाए जाने के क Read more...