कानपुर न्यूज डेस्क: क्यूएस (QS) ने अपनी नई सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग 2025 जारी की है, जिसमें विश्वभर के शैक्षणिक संस्थानों को पर्यावरण, सामाजिक प्रभाव और शासन से जुड़े स्थिरता मापदंडों पर रैंक किया गया है। इस साल कानपुर के दो प्रमुख संस्थानों ने शानदार प्रदर्शन किया है, जिसमें छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय (CSJMU) और आईआईटी कानपुर का नाम शामिल है।
छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर पहली बार इस सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग में शामिल हुआ है, और उसे वैश्विक स्तर पर 683वां स्थान प्राप्त हुआ है। यह उत्तर प्रदेश का एकमात्र राज्य विश्वविद्यालय है, जिसे इस सूची में स्थान मिला है। विश्वविद्यालय के कुलपति विनय पाठक ने इसे गर्व का विषय बताते हुए कहा कि यह सिर्फ शैक्षणिक क्षेत्र में नहीं, बल्कि वैश्विक स्थिरता के क्षेत्र में भी विश्वविद्यालय की उपलब्धि को दर्शाता है।
आईआईटी कानपुर ने इस रैंकिंग में जबरदस्त सुधार करते हुए 245वां स्थान हासिल किया है। पिछले साल यह संस्थान 522वें स्थान पर था, इस बार 277 पायदान का सुधार हुआ है। 75.6 अंकों के साथ, आईआईटी कानपुर ने वैश्विक स्थिरता और सामाजिक प्रभाव में अपनी मजबूती को साबित किया है।
QS हर साल अपनी रैंकिंग में विभिन्न मापदंडों पर ध्यान देता है, जिसमें पर्यावरणीय स्थिरता, सामाजिक प्रभाव और शासन प्रमुख बिंदु होते हैं। यह रैंकिंग इस बात का आकलन करती है कि संस्थान वैश्विक स्थिरता के मुद्दों को किस तरह से संबोधित कर रहे हैं और किस हद तक वे सकारात्मक बदलाव लाने में सक्षम हैं।
कानपुर के दोनों संस्थानों ने इस रैंकिंग में जगह बनाकर न केवल शहर का नाम रोशन किया है, बल्कि राज्य का भी सम्मान बढ़ाया है। छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश का एकमात्र राज्य विश्वविद्यालय है, जिसे इस रैंकिंग में स्थान मिला है। वहीं, आईआईटी कानपुर ने 277 पायदान की छलांग के साथ शीर्ष 300 में अपनी जगह बनाई है।
राष्ट्रीय स्तर पर, छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय भारत के 78 संस्थानों में 59वें स्थान पर रहा है। कुलपति विनय पाठक ने इसे विश्वविद्यालय की वैश्विक पहचान को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण कदम बताया है, जो शैक्षणिक और सामाजिक दृष्टिकोण से संस्थान की प्रगति का प्रतीक है।